Adani Group Companies: अडानी ग्रुप के तीन कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी ट्रांसमिशन और अडानी पोर्ट्स और स्पेशल इकनोमिक जोन को यूनाइटेड नेशनल बैक्ड साइंस बेस्ड टारगेट इनिशिएटिव (SBTi) की लिस्ट से बाहर निकाल दिया गया है. SBTi की लिस्ट में उन कंपनियों को रखा जाता है, जो क्लाइमेंट चेंज के खिलाफ एक्शन लेती हैं. 


UN-बैक्ड ग्रुप ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के लिए पेरिस समझौते के टारगेट को ध्यान में रखते हुए ठोस योजना स्थापित करने में कंपनियों की मदद करता है. ब्लूमबर्ग के मुताबिक, SBTi  के स्पोकपर्सन ने कहा कि इन कंपनियों की ओर से पेश की गई जानकारी का मूल्यांकन किया गया है और निष्कर्ष निकाला गया है, जिससे यह पता चला है कि ये कंपनियां अपने मानकों पर काम नहीं कर रही हैं. 


ग्रुप की दो कंपनियां अभी ​भी लिस्ट में शामिल 


इस लिस्ट से भले ही तीन कंपनियों को बाहर ​कर दिया गया है, लेकिन अडानी ग्रुप की दो कंपनियों को अभी भी इस लिस्ट में रखा गया है. यह दो कंपनियां अंबुजा सीमेंट और एसीसी हैं. यह फैसला SBTi की ओर से अडानी समूह के पांच कंपनियों की समीक्षा करने के बाद लिया है. 


अडानी के अलावा ये कंपनियां भी 


एसबीटीआई की जीवाश्म ईंधन नीति को अपडेट करने के बाद सिर्फ अडानी ग्रुप की कंपनियों को ही बाहर नहीं किया गया है, ​बल्कि इसके अलावा भी कुछ और हैं. एसबीटीआई ने अपने लिस्ट से करीब 16 फर्मों को बाहर निकाला है. यूएन बैक्ड एसबीटीआई ने तेल, प्राकृतिक गैस, कोयला या अन्य जीवाश्म ईंधन की खोज, खनन में भागीदारी वाली कंपनियों को बाहर निकाला है. 


अडानी ग्रुप ने मांगा सबूत 


अडानी ग्रुप ने अपने तीन कंपनियों को ​इस लिस्ट से बाहर करने को लेकर सबूत मांगा है. अडानी ग्रुप का कहना है कि उसकी इनमें से कोई कंपनी तेल, प्राकृतिक गैस, कोयला या अन्य जीवाश्म ईंधन की खोज, खनन या उत्पादन में शामिल नहीं है. अडानी ग्रुप को उम्मीद है कि एसबीटीआई अपने इस फैसले को बदलेगा. 


अडानी ग्रुप के लिए बड़ा झटका 


SBTi की सूची से बाहर होना अडानी ग्रुप के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि यह अडानी ग्रुप को नई ऊर्जा के दुनिया के सबसे बड़े उत्पादक बनने का प्रयास कर रहा है और नई ऊर्जा परियोजनाओं के लिए लगभग 800 मिलियन डॉलर जुटाने की कोशिश कर रहा है.


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