7th Pay Commission Latest News: केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए बड़ी खबर है. 18 महीने के उनके बकाये को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है. सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों के बकाये एरियर को लेकर राज्यसभा में बड़ा बयान दिया है.  केंद्रीय कर्मचारियों को उनके 18 महीने का बकाया एरियर क्यों नहीं दिया गया है उसे लेकर सरकार ने सदन में सफाई दी है. सरकार ने कहा कि वित्तीय प्रभाव के चलते केंद्रीय कर्मचार्यों को महंगाई भत्ता और पेंशनभोगियों को महंगाई राहत का एरियर को जारी करना उचित नहीं समझा गया. 


एरियर देने से सीधे इंकार भी नहीं !


सरकार ने कहा कि महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की तीन किस्तों को रोक देने का निर्णय कोविड-19 के कारण जो आर्थिक व्यवधान पैदा हुआ इसके चलते लिया गया ताकि सरकार पर पड़ने वाले वित्तीय बोझ को कम किया जा सके. वित्त राज्यमंत्री ने सदन में कहा वित्तीय बोझ के कारण केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों के 18 महीने के बकाये डीए एरियर को जारी नहीं किया गया है. हालांकि सरकार ने खुलकर नहीं बताया कि भविष्य में बकाया एरियर नहीं दिया जाएगा. 


वित्तीय प्रभाव के चलते एरियर नहीं


सरकार से जब सवाल किया गया कि क्या सरकार पेंशनभोगियों का बकाया एरियर जारी करने पर विचार कर रही है तो इसका जवाब देते हुए वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने सदन को बताया कि  2020 में महामारी के प्रतिकूल वित्तीय प्रभाव और सरकार द्वारा किए गए कल्याणकारी उपायों के कारण इसका वित्तीय प्रभाव वित्त वर्ष 2020-21 के बाद भी बना रहा है इसलिए केंद्रीय कर्मचार्यों को महंगाई भत्ता और पेंशनभोगियों को महंगाई राहत का एरियर को जारी करना उचित नहीं समझा गया. सरकार के इस जवाब से पेंशभोगियों को झटका लगा है. 


केंद्रीय कर्मचारी-पेंशनभोगी एरियर के आस में  


मौजूदा समय में केंद्रीय कर्मचारियों को 38 फीसदी महंगाई भत्ता दिया जा रहा है. सितंबर 2022 में पिछली दफा महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की गई थी. लेकिन केंद्रीय कर्मचारियों को 18 महीने के एरियर का इंतजार है.  सरकार ने माना कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को जनवरी 2020 से जून 2021 के बीच  18 महीने के डीए का बकाया देने के लिए केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनधारकों के अलग अलग संगठनों की ओर से प्रतिवेदन प्राप्त हुआ है जिसमें नेशनल काउंसिल (जेसीएम), नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियल रेलवे मेन  सहति कई संगठन शामिल है. 



कर्मचारी यूनियन सरकार से जवाब से नाखुश


कर्मचारी यूनियन सरकार के इस जवाब से नाखुश है. उनका कहना है कि इसे रोका नहीं जा सकता है. उनका कहना है कि महंगाई भत्ता (DA Hike) नहीं बढ़ाने के बावजूजद वे कोरोनाकाल में काम करते रहे. कई कर्मचारियों और पेंशनर्स की इस दौरान मौत भी हो गई. कर्मचारी यूनियन अब आंदोलन  करने के प्लान पर काम कर रहे हैं. आपको बता दें जिस अवधि के लिए महंगाई भत्ते नहीं जारी किया गया है उससे सरकार को 34,000 करोड़ रुपए की बचत हुई है. 


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