घरेलू विमानन कंपनियां एक तरफ अपने बेड़े में बड़ी संख्या में नए विमान शामिल कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर देश के विभिन्न हवाई अड्डों पर उनके सैकड़ों विमान बेकार पड़े हुए हैं. केंद्र सरकार ने गुरुवार को संसद में इसकी जानकारी दी.


इतने विमान बेकार होकर खड़े


सिविल एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोकसभा में एक सवाल का लिखित जवाब देते हुए बेकार अवस्था में विभिन्न हवाई अड्डों पर खड़े हवाई जहाजों के आंकड़ों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि देश के 15 विभिन्न हवाई अड्डों पर अलग-अलग कंपनियों के 164 विमान ऐसे ही खड़े हैं. उनमें से सबसे ज्यादा 64 हवाई जहाज दिल्ली एयरपोर्ट पर खड़े हैं.


इन हवाई अड्डों पर भी भीड़


केंद्रीय मंत्री के द्वारा बताए गए आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के अलावा बेंगलुरू, मुंबई और चेन्नई जैसे शहरों के हवाई अड्डों पर भी दर्जनों हवाई जहाज बेकार खड़े हैं. दिल्ली के बाद इस तरह के सबसे ज्यादा प्लेन बेंगलुरू हवाई अड्डे पर हैं, जहां उनकी संख्या 27 है. इसी तरह मुंबई हवाई अड्डे पर 24 और चेन्नई हवाई अड्डे पर 20 हवाई जहाज बेकार खड़े हैं.


इन कंपनियों के हवाई जहाज खड़े हैं बेकार


देश के अन्य जिन हवाई अड्डों पर बेकार हवाई जहाज खड़े हैं, उनमें अहमदाबाद, भुवनेश्वर, कोच्चि, गोवा (मोपा), हैदराबाद, जयपुर, जुहू, कोलकाता, कन्नूर, नागपुर और रायुपर शामिल हैं. ये हवाई जहाज इंडिगो, स्पाइसजेट, गो फर्स्ट, एअर इंडिया, जूम एयर और अलायंस एयर जैसी कंपनियों के हैं.


दिल्ली एयरपोर्ट पर खड़े प्लेन में सबसे ज्यादा 24 इंडिगो के हैं. इसी तरह दिल्ली एयरपोर्ट पर गो फर्स्ट के 23 प्लेन, स्पाइसजेट के 6 प्लेन, एअर इंडिया के 2 प्लेन, जूम एयर के 5 प्लेन, जेट एयरवेज के 3 प्लेन और अलायंस एयर के 1 प्लेन खड़े हैं. बेंगलुरू एयरपोर्ट पर इंडिगो के 17, गो फर्स्ट के 9 और स्पाइसजेट के 1 प्लेन खड़े हैं. मुंबई में गो फर्स्ट के 9, जेट एयरवेज के 6, एयर इंडिया के 5, जनरल एविएशन के 4 और स्पाइसजेट के 1 प्लेन बेकार खड़े हैं.


95 पर्सेंट के लिए प्रैट एंड व्हिटनी जिम्मेदार


भारत में बेकार खड़े हवाई जहाजों का सबसे बड़ा कारण इंजन की दिक्कत है. जो विमान अभी देश के विभिन्न हवाई अड्डों पर बेकार खड़े हैं, उनमें से 95 फीसदी के लिए इंजन सप्लायर प्रैट एंड व्हिटनी जिम्मेदार है. इंजन संबंधी दिक्कतों के बाद प्रैट एंड व्हिटनी के इंजन वाले कई विमानों को दुनिया भर में ग्राउंडेड करने के निर्देश दिए गए थे. उसके बाद कंपनी अभी तक दिक्कतें दूर नहीं कर पाई है. मंत्री ने बताया कि कंपनी सप्लाई चेन की दिक्कतों का सामना कर रही है. उसे जल्द से जल्द दिक्कतें दूर करने के लिए कहा गया है.


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