लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उनकी पूरी कैबिनेट ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया. हरियाणा में नए सिरे से सरकार के गठन को लेकर भाजपा फिर से तैयारी कर रही है. इस्तीफे के बाद विधायक दल की बैठक हुई. इससे ठीक पहले मंत्रिपरिषद की बैठक हुई उसके बाद सभी मंत्रियों और खुद मुख्यमंत्री ने राजभवन जाकर राज्यपाल को इस्तीफा दे दिया. अब नए सिरे से निर्णय करके नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में नयी सरकार बन चुकी है और उन्होंने शपथ ले ली. भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी ने 2019 में जो जनादेश आया था  उसके बाद गठबंधन किया था. तब हरियाणा को एक स्थायी सरकार देने की बात बनाकर गठबंधन किया गया. 


लोकसभा चुनाव के मुद्दे अलग


अभी लोकसभा चुनाव सामने है. लोकसभा चुनाव से पूर्व स्वभाविक रूप से एक एक सवाल था कि एक साथ चुनाव लड़ना है या अलग अलग रास्ता अपनाया जाए?  पार्टी के आंतरिक सर्वेक्षण और कार्यकर्ताओं की फीडबैक के आधार पर राज्य की कमेटी ने केंद्र को अवगत करा दिया था. उसके बाद जो फैसला का फीडबैक था, उससे जननायक जनता पार्टी को अवगत करा दिया गया था. उसके बाद कहीं न कहीं बातों पर सहमति नहीं बन पाई. उसके बाद ये घटना क्रम हुआ, जो आज सामने देखने को मिल रहा है. भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में दस की दस सीटों पर अकेले चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. भाजपा अभी भी सभी दस सीटों पर लड़कर जीतने की स्थिति में है. भाजपा के विरोध में कांग्रेस और जजपा ने भी 2019 में चुनाव लड़ा था. इसके बावजूद सभी सीटों पर भाजपा ने जीत कर नरेंद्र मोदी को दस सीटे दीं. उसी की तैयारी अभी भी है.



विकास के दम पर लड़ेंगे चुनाव


नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में दस साल से सरकार है. उनके किए गए काम और उपलब्धियों को बताने का काम कार्यकर्ता करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद ही एक आकर्षण के केंद्र है. सरकार ने काफी कार्य किए हैं. जिसको गिनते-गिनाते लोग थक जाएंगे. देश विकास की पटरी पर तेजी से दौड़ता दिख रहा है. हाईवे और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में जो कार्य हुए हैं. वो अद्भुत और अनूठे हैं. उसे सामान्य काम नहीं कहा जा सकता. पिछली सरकार में, कांग्रेस के समय में, कोई निर्णय नहीं हो पाता था. सरकारी कामकाज की गति काफी धीमी थी. भाजपा ने उस गति को कई गुना तेज किया है. अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री होने के बावजूद देश की आर्थिक व्यवस्था 11वें नंबर पर थी. लेकिन पीएम मोदी की अगुआई में इस कालखंड में भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में पांचवें नंबर पर है. दुनिया की कई एजेंसियों का कहना है कि अगले कुछ सालों में भारत दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बन जाएगा.


सड़क से सरहद, सुरक्षा से संवाद तक


मोदी के कार्यकाल में भारत की सरहदें काफी सुरक्षित हुई हैं. सेना का मनोबल बढ़ा है. जो भारत को परेशान करने की मंशा से काम करते थे, वो आज खुद परेशान है. भारत की सरहद और सेना के साथ छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ सेना ने घर में घुसकर मारा है, सर्जिकल स्ट्राइक की है. मेक इन इंडिया से भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है. किसानों के लिए स्वामीनाथन की रिपोर्ट के मुताबिक लागत से डेढ गुना अधिक फसलों की कीमत दी है. भारत का ऐसा कोई गांव नहीं है जहां बिजली की व्यवस्था नहीं हो पाई हो. 2014 तक करीब 18 हजार गांव ऐसे थे, जहां पर बिजली की कोई व्यवस्था नहीं थी. देश के करीब 50 करोड़ लोग का बैंक में खाता नहीं था, सरकार ने उनके बैंक एकाउंट  खुलवाए. करीब 12 करोड़ महिलाओं को उज्ज्वला योजना के अंतर्गत फ्री में गैस के कनेक्शन दिए गए है. इस बार भाजपा काम के दम पर और मोदी जी के नाम पर चुनाव में वोट मांगेंगी.


अनुच्छेद 370 और राजनीतिक इच्छाशक्ति


धारा 370 को संशोधित कर जम्मू - कश्मीर के एकीकरण को अंतिम रूप दिया है.  1950 से ये मामला अटका हुआ था. आर्टिकल 370 को संशोधित कर के उनके मुंह पर राजनीतिक तमाचा मारा गया है जो कहते थे कि इससे छेड़छाड़ किए तो तिरंगा पकड़ने वाला कोई नहीं होगा. जम्मू - कश्मीर के एक मुख्यमंत्री ने तो कहा था कि चीन और पाकिस्तान से भी मिलकर धारा 370 की रक्षा करेंगे. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. वहां पर अब पत्थर नहीं फेंका जाता. अब घाटी में शांति है. जब पीएम जाते हैं तो लोग काफी संख्या में देखने के लिए पहुंचते हैं. राममंदिर निर्माण का सिर्फ भाजपा का मुद्दा नहीं था बल्कि पूरे भारतवर्ष का था. भाजपा के विरोधी कहते थे कि मंदिर वहीं बनाएंगे तारीख नहीं बताएंगे. लेकिन भाजपा ने मंदिर भी बनाया और तारीख भी बतायी. विरोधियों को भी राममंदिर के प्राणप्रतिष्ठा के समय में न्यौता भेजा गया था. लेकिन वो नहीं आए. जो राष्ट्र और राम का विरोध करते हैं उनको देश की जनता 2024 के चुनाव में जनता जवाब देगी. तीसरी बार प्रधानमंत्री मोदी को जनता बनाएगी और इस बार 400 सीट देश की जनता देगी.


हरियाणा में AAP का नहीं होगा नामलेवा


हरियाणा में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस मिलकर लोकसभा का चुनाव लड़ने वाली है. उसके लिए तैयारी कर रही  है. भाजपा का कहना है कि हरियाणा में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को शून्य सीटें मिलेगी. कांग्रेस ने आप को हरियाणा में मात्र एक सीट दी है. आम आदमी पार्टी भूपेंद्र हुड्डा को कांग्रेस का गुंडा कहकर पुकारती थी. क्या कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता उनका साथ देंगे? कांग्रेस पार्टी आम आदमी पार्टी को हरियाणा में कोई स्पेस नहीं देगी, क्योंकि पंजाब में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को कोई स्पेस नहीं दी है. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा है कि एक थी कांग्रेस. ये एक साथ आने की बात कहने भर की है. दोनों एक दूसरे की जड़ खोदेंगे.


आम आदमी पार्टी को हरियाणा के लोग घृणा की नजर से देखते हैं क्योंकि हरियाणा के हिस्से के रावी नदी के डैम का पानी सतलज-यमुना लिंक नहर के माध्यम से पानी लाने वाले सुप्रीम कोर्ट के कुंडली मारकर बैठ गया है. राजनीति में नालायक बेटे के रूप में आम आदमी पार्टी को देखा जा रहा है. आप पंजाब के मुख्यमंत्री से यह नहीं कह रहा कि कोर्ट के निर्देश का पालन करते हुए डैम से पानी हरियाणा को दे. ऐसे लोग जो हरियाणा के हिस्से का पानी नहीं दे रहे हैं उनको जनता कोई राजनीतिक जगह नहीं लेने देगी. इसका खामियाजा कांग्रेस को भी भुगतना होगा. कांग्रेस आप के उस गाड़ी पर सवार हुई है जो हरियाणा के हिस्से की पानी ना देने की बात कही रही है. कांग्रेस को इस बार फिर से नकारा जाएगा और आम आदमी पार्टी को इंच भर की जगह राजनीति में नहीं मिलेगी.


[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. यह ज़रूरी नहीं है कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही ज़िम्मेदार है.]