Sale in September: ऑटो इंडस्ट्री के लिए फेस्टिव सीजन काफी अहम होता है. इस सीजन में कंपनियों को अच्छी खासी कमाई की उम्मीद होती है. लेकिन पिछले एक-दो साल से भारतीय ऑटो इंडस्ट्री को काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. जहां पिछले साल कोरोना की वजह से बिक्री पर असर हुआ वहीं इस साल चिप की कमी से कारों का प्रोडक्शन प्रभावित हुआ है. ऐसे में कंपनियां बाजार की मांग को पूरा नहीं कर पा रही हैं.
41 फीसदी की आई गिरावटऑटो इंडस्ट्री बॉडी सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटो मोबाइल मैन्यूफैक्टरर्स यानी सियाम (SIAM) का कहना है कि ऑटोमोबाइल कंपनियां सेमीकंडक्टर की कमी की वजह से उतनी यूनिट का प्रोडक्शन नहीं कर पा रही हैं, जितनी मांग है और इसी के चलते सितंबर के महीने में देश में पैसेंजर व्हीकल की थोक बिक्री में 41 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है.
इतनी रही सेलबता दें कि पिछले महीने यानी सितंबर में पैसेंजर व्हीकल की सेल 1,60,070 यूनिट रही, जो कि पिछले साल इसी महीने 2,72,027 यूनिट थी. सियाम के डेटा के मुताबिक डीलर्स को टू-व्हीलर्स की बिक्री में भी 17 फीसदी कमी देखी गई है. इस साल सितंबर महीने में 15,28,472 यूनिट्स की सेल की गई थी, जो पिछले साल सितंबर में 18,49,546 यूनिट थी.
"बढ़ रहा वेटिंग पीरियड"सियाम के अध्यक्ष प्रेसीडेंट केनिची आयुकावा ने बताया कि भारतीय ऑटो मार्केट इस समय नई चैलेंज फेस कर रहा है. उन्होंने कहा कि एक तरफ गाड़ियों की मांग में तेजी देखी जा रही है वहीं दूसरी तरफ सेमीकंडक्टर चिप की कमी बड़ी समस्या बनी हुई है. आयुकावा ने आगे कहा कि इस चिप की कमी की वजह से पॉपुलर कारों का वेटिंग पीरियड लगातार बढ़ता ही जा रही है.
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