देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. बड़ी संख्या में लोग इलेक्ट्रिक वाहनों को अपना रहे. हालांकि, अभी भी यह संख्या काफी कम है. देस में कुल 10 लाख से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीकरण हुआ है जबकि 1700 से ज्यादा सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन काम कर रहे हैं. बुधवार को सरकार की ओर से संसद को जानकारी दी गई कि पिछले सप्ताह तक भारत में कुल 10,60,707 इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत किए गए, जबकि देश में 1,742 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन (पीसीएस) चालू थे.


राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि राजमार्ग विकासकर्ता द्वारा राष्ट्रीय राजमार्गों पर सड़क किनारे की सुविधाओं (डब्ल्यूएसए) के हिस्से के रूप में इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन उपलब्ध कराए जाने हैं. गडकरी ने कहा, ‘‘देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या, 19 मार्च को वाहन 4 के आंकड़ों के अनुसार, 10,60,707 है, और ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) के अनुसार 21 मार्च, 2022 तक देश में कुल 1,742 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन (पीसीएस) अभी चालू हैं.’’


उन्होंने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) पहले ही विकास के लिए ऐसी 39 सुविधाएं दे चुका है. एक अलग प्रश्न के उत्तर में, गडकरी ने कहा कि 21 मार्च, 2022 तक देश भर में राष्ट्रीय राजमार्गों पर 816 शुल्क टोल प्लाजा चालू हैं. 


हाईवे पर हर 25 किमी पर मिलेंगे चार्जिंग स्टेशन
हाल ही में भारी उद्योग मंत्रालय ने फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (फेम) इंडिया योजना के दूसरे चरण के तहत 16 राजमार्गों और नौ एक्सप्रेसवे पर 1,576 इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्जिंग स्टेशनों को मंजूरी दी है. 


इससे पहले योजना के दूसरे चरण के तहत ही 25 राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के 68 शहरों में 2,877 चार्जिंग स्टेशनों को मंजूरी दी गई थी. वहीं, योजना के पहले चरण के तहत करीब 43 करोड़ रुपये की लागत वाले करीब 520 चार्जिंग स्टेशन/बुनियादी ढांचे को मंजूरी दी गई थी.


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