Interim Budget 2024: स्टाफिंग कंपनियों और कंपनी के अधिकारियों ने कहा कि अंतरिम बजट में ईवी निर्माण और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का समर्थन करने के वादे के कारण आने वाले वर्षों में देश के इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में नौकरियों को बढ़ावा मिल सकता है. विशेषज्ञों ने कहा कि इससे ईवी के उत्पादन और अपनाने में मदद मिलेगी और इस क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा मिलेगा. टीमलीज सर्विसेज के सीईओ (स्टाफिंग) कार्तिक नारायण ने कहा, "अगले 4-5 वर्षों में लगभग 2.5 लाख डायरेक्ट और इनडायरेक्ट नौकरियां पैदा होने की संभावना है."


ईवी के क्षेत्र में भारत


“भारत में फिलहाल लगभग 7,000 चार्जिंग स्टेशन हैं और अगले 5 सालों में लगभग और 50,000 यूनिट्स की आवश्यकता है. थंब रूल के अनुसार, एक चार्जिंग स्टेशन में लगभग 5 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष काम होते हैं.” प्रत्यक्ष नौकरियों में साइट इंजीनियर, रिक्रूटमेंट एक्सपर्ट, सर्विस टेक्नीशियन और अन्य शामिल है.


एक्सपर्ट्स ने क्या कहा?


रैप्टी एनर्जी के को-फाउंडर और सीईओ दिनेश अर्जुन ने कहा, "देश भर में पब्लिक चार्जर की उपलब्धता में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी और ईवी कंपनियों को अपने यूजर्स से भी बढ़ती हुई डिमांड मिलेगी, जिससे इन्वेस्टर्स भी आकर्षित होंगे.” अर्जुन ने कहा, "यह हमारे देश में ईवी अपनाने के लिए सबसे बड़ी बाधा 'रेंज फियर' को भी समाप्त करेगा और वाहन निर्माताओं को बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम और अन्य टेक्नोलॉजीज में अधिक रिसर्च करने के लिए प्रोत्साहित करेगा." उन्होंने कहा, "ईवी कंपनियां मेक-इन-इंडिया ईवी वाहनों के निर्माण के लिए बैटरी और अन्य कंपोनेंट्स प्रदान करने वाले एक बडे़ सेलर्स इकोलॉजी का भी अनुभव करेंगी."


न्यूरॉन एनर्जी के सीईओ और को-फाउंडर प्रतीक कामदार ने कहा, मैन्यूफैक्चरिंग के स्ट्रेटेजिक एक्सटेंशन से उत्पादन क्षमता में ग्रोथ होगी, साथ ही इनोवेशन और कंपटीशन को भी बढ़ावा मिलेगा. कामदार ने कहा, "इकोनॉमिक एंपावरमेंट के रूप में एक प्रत्याशित परिणाम भी है जो युवाओं को वैल्युएबल टेक्नोलॉजिकल स्किल से लैस करेगा, जिससे ईवी चार्जर और संबंधित उपकरणों के निर्माण के लिए एक मजबूत वर्क पॉवर मिलेगा."


पैदा होंगे नए रोजगार के साधन


वित्त मंत्री ने गुरुवार को अपने अंतरिम बजट भाषण में कहा कि सरकार मैन्युफैक्चरिंग और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का समर्थन करके ई-वाहन इकोलॉजी का विस्तार और मजबूत करेगी. पेमेंट सेफ्टी सिस्टम के जरिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट नेटवर्क के लिए ई-बसों को अधिक से ज्यादा अपनाने को प्रोत्साहित किया जाएगा. टीमलीज के कार्तिक का कहना है कि "भारत में लगभग 7,000 चार्जिंग स्टेशनों की वर्तमान संख्या चीन के 1.1 मिलियन के मुकाबले बहुत कम है, FAME योजना के साथ मिलकर यह सरकारी पहल न केवल इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए प्रेरित करने के लिए तैयार है, बल्कि चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के पूरे इकोलॉजी में रोजगार संसाधन को प्रोत्साहित करेगा.”


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