Buy Used Car: त्यौहारी सीजन में जहा एक तरफ कंपनियों की तरफ से कारों की डिलीवरी देने में काफी लंबा वक्त लग रहा है. ऐसे में काफी लोग कार लेने के लिए सेकेंड-हेंड कारों की तरफ भी रुख कर रहे हैं. सेकेण्ड-हेंड कारों का सौदा वैसे नुकसान का सौदा नहीं है लेकिन यूज्ड कारों को लेते वक्त आपको कुछ बातें ध्यान में रखनी चाहिए, क्योंकि ये सौदा जितना किफायती है उतना ही घाटे का भी साबित हो सकता है.


मेंटेनेंस खर्च:


कार जैसे-जैसे पुरानी होती चली जाती है वैसे-वैसे इसका मेंटिनेंस का खर्च बढ़ता जाता है. इसलिए यूज्ड कार लेने से पहले कार की कंडीशन को अच्छे से देख समझ लेना चाहिए. अगर कार की कंडीशन ज्यादा ख़राब हो तो उसे लेना नुकसान का सौदा साबित हो सकता है.


माइलेज में कमी:


यूज्ड कार लेते वक्त आप कार का ट्रायल लें और कार के इंजन की कंडीशन को समझने की कोशिश करें कि अब तक इस कार को कैसे यूज किया गया है. जिससे आप कार के माइलेज का भी अंदाज़ा लगा सकते हैं. ताकि कार लेने से आपको नुकसान की स्थिति में न जाना पड़े.


EMI पर महंगा ब्याज:


नयी कार की तुलना में यूज्ड कार पर लोन देने वाली कंपनियां ज्यादा ब्याज लेतीं हैं जोकि आपके लिए एक नुकसान की स्थिति हो सकती है.


धोखेबाजी:


कई बार ऐसे मामले भी सामने आते-रहते हैं कि लोग मुनाफा ज्यादा लेने के चक्कर में कार को ऊपर से डेंट-पेंट करा देते हैं ताकि कार देखने में ऊपर से अच्छी लगे इस तरह के मामलों को भी आपको ध्यान में रखने की जरुरत है.


कम विकल्प:


आज के समय में आये दिन एक के बाद एक कंपनियां नए-नए मॉडल लॉन्च करती रहती हैं जिससे पुराने लिमिटेड मॉडल ही ज्यादा लंबे समय तक टिक पाते हैं. इसलिए ये बात भी आपको ध्यान में रखनी होगी कि जो यूज्ड कार आप लेने जा रहे हैं वो अभी भी मार्किट में है या नहीं ताकि उसमें कुछ खराबी होने पर आपको उसके पार्ट्स आसानी से मिल जाएं.


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