Shani Dev: शनि देव मकर राशि में विराजमान हैं. वर्ष 2021 में शनि देव का कोई राशि परिवर्तन नहीं है. शनि इस वर्ष मात्र नक्षत्र परिवर्तन कर रहे हैं. वर्तमान समय में श्रवण नक्षत्र में शनि देव गोचर कर रहे हैं. मकर राशि के साथ इन राशियों को आने वाले दिनों में कुछ विशेष सावधानियां बरतनी होंगी, क्योंकि मकर राशि में बनने जा रहा है विष योग.


विष योग क्या होता है?
ज्योतिष शास्त्र में विष योग को शुभ नहीं माना गया है. इस योग को अत्यंत अशुभ फल देने वाला माना गया है. चंद्रमा और शनि की युति या संबंध जब बनता है तो विष योग बनता है. इसके बारे में कहा जाता है जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में विष योग होता है, वो अपने ही संगे संबंधियों और मित्रों द्वारा छला या ठगा जाता है. आर्थिक संकट के साथ ये योग, रोग, व्यापार, रोजगार आदि में बाधा भी प्रदान करता है.


मकर राशि में विष योग कब बन रहा है?
पंचांग के अनुसार 20 अगस्त 2021, शुक्रवार को श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को बन रहा है. इसदिन मकर राशि में चंद्रमा का प्रवेश हो रहा है. चंद्रमा के प्रवेश करते ही मकर राशि में विष योग की स्थिति बन जाएगी. मकर राशि में विष योग 22 अगस्त 2021 को प्रात: 8 बजे के लगभग समाप्त हो जाएगा. इसके बाद चंद्रमा कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएगा. इस दिन रक्षा बंधन का पर्व, श्रावण पूर्णिमा और सावन का अंतिम दिन भी है.


विष योग का फल
माना जाता है कि जन्म कुंडली में विष योग का निर्माण होने से व्यक्ति की जिंदगी जहर यानि विष के समान हो जाती है. उसे हर कार्य में बाधा, परेशानी, संकट, धोखा मिलता है, जिस कारण व्यक्ति हताश और निराश हो जाता है. इसलिए इस योग का उपाय बहुत जरूरी हो जाता है. विष योग के प्रभाव से बचने के लिए गलत कार्यों से दूर रहना चाहिए.


इन 5 राशियों को देना होगा विशेष ध्यान
विष योग के दौरान इन पांच राशियों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है-



  • मिथुन राशि (Gemini Horoscope)

  • तुला राशि  (Libra Horoscope)

  • धनु राशि (Sagittarius Horoscope)

  • मकर राशि (Capricorn Horoscope)

  • कुंभ राशि (Aquarius Horoscope)


शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या
इन पांच राशियों पर शनि की दृष्टि है. मिथुन और तुला पर शनि की ढैय्या और धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है. 21 अगस्त 2021 को सावन का आखिरी शनिवार है. इस दिन शनि चालीसा का पाठ करें और शनि मंदिर में शनि देव को सरसों का तेल चढ़ाएं. इससे लाभ प्राप्त होगा.


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