Guru Gochar 2025: बृहस्पति यानि गुरु ग्रह को नौ ग्रहों में सबसे अधिक शुभ फल देने वाला ग्रह माना गया है. इस साल यानि देवगुरु दो बार राशि बदलेंगे. वैदिक ज्योतिष शास्त्र में देवगुरु को विशेष स्थान होता है. जिन जातकों की कुंडली में गुरु अच्छी स्थिति में उन्हे शुभ फल प्राप्त होते हैं. देवगुरु बृहस्पति को सुख-समृद्धि, धन-दौलत, मान-सम्मान, शिक्षा, संतान और विवाह का कारक ग्रह माना जाता है.
पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डॉक्टर अनीष व्यास ने बताया कि साल 2025 में गुरु का गोचर बहुत ही खास रहने वाला है. देवगुरु बृहस्पति करीब किसी एक राशि में करीब 13 महीनों तक रहते हैं. इस वर्ष गुरु तीन बार अपनी राशि बदलेंगे, जिसके कारण गुरु अतिचारी होंगे. इस तरह का योग कई वर्षों बाद बनता है. वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार देवगुरु बृहस्पति करीब 13 महीनों के बाद ही राशि परिवर्तन करते हैं. लेकिन इस वर्ष गुरु अतिचारी होकर दो बार राशि परिवर्तन करेंगे और दो बार इनकी चाल में बदलाव आएगा. गुरु के दो बार गोचर होने पर यह अतिचारी होकर सभी राशियों पर प्रभाव डालेंगे.
ज्योतिषाचार्य डॉक्टर अनीष व्यास बताते हैं कि गुरु का गोचर 14 मई 2025 को मिथुन राशि में होगा. जो बुध की राशि है. इस संबंध कम्युनिकेशन, कानून, सिंगिंग, वाणी, बुद्धि आदि से भी है. तीसरे भाव की राशि है तो लोग नई चीज सीखेंगे. गुरुओं की कद्र होगी और लोग अपने ज्ञान को दूसरों के साथ बाटेंगे. यह समय नए विचारों और यात्राओं का होगा. आप अंदर से कुछ खुला हुआ महसूस करेंगे. मिथुन राशि में बृहस्पति का गोचर सामाजिक संपर्क और बौद्धिक गतिविधियों को बढ़ाता है लेकिन ध्यान केंद्रित रखना स्वयं पर यह भी बहुत आवश्यक है. अगर आप अपना व्यक्तिगत विकास करना चाहते हैं, शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं. अपना कम्युनिकेशन अच्छा करना चाहते हैं, अपना सोशल सर्कल बढ़ाना चाहते हैं, सामाजिक नेटवर्क उसके लिए विस्तार का समय है.
गुरु गोचर 2025 (Jupiter Transit 2025)गुरु ग्रह शनि देव (Shani Dev) के बाद दूसरे ऐसे ग्रह हैं जो सबसे धीमी चाल से चलते हैं. गुरु ग्रह हर एक राशि में करीब 13 महीनों तक रहते हैं, फिर इसके बाद दूसरी राशि में गोचर करते हैं. देवगुरु बृहस्पति कर्क राशि में उच्च के जबकि मकर राशि में नीच के माने जाते हैं. गुरु ग्रह साल 2025 में दो बार राशि परिवर्तन करते हुए तीन गुना अतिचारी रहेंगे. गुरु ग्रह का साल 2025 में पहली बार गोचर 15 मई को मिथुन राशि में होगा. फिर इसके बाद दूसरा गोचर 19 अक्तूबर को कर्क राशि में होगा.
साल 2025 में गुरु कर्क राशि में रहते हुए अपनी उच्च अवस्था में होंगे. ऐसे में कुछ राशि वालों को इसका विशेष लाभ मिलेगा. 12 नवंबर 2025 को गुरु ग्रह कर्क राशि में रहते हुए वक्री हो जाएंगे. फिर इसी अवस्था में रहते हुए 03 दिसंबर 2025 को फिर से मिथुन राशि में गोचर हो जाएंगे. इस तरह से साल 2025 में गुरु ग्रह वृषभ राशि की अपनी यात्रा को विराम देते हुए मिथुन राशि में ,फिर मिथुन राशि से चंद्रमा की राशि कर्क में गोचर होंगे और कर्क राशि से निकलकर वक्री होकर मिथुन राशि में गोचर करेंगे. 09 जून 2025 को गुरु अस्त हो जाएंगे और 09 जुलाई को उदय हो जाएंगे. इस तरह से गुरु के साल 2025 में दो बार गोचर होने से अतिचारी होंगे.
भविष्यवाणी 2025 (Prediction 2025)भविष्यवक्ता डॉक्टर अनीष व्यास की मानें तो इस गोचर स्थिति के कारण व्यापार में तेजी आएगी. देश में कई जगह ज्यादा बारिश होगी. प्राकृतिक घटनाएं होगी. भूकंप आने की संभावना है. तूफान, बाढ़, भूस्खलन, पहाड़ टूटने, सड़के और पुल भी टूटने की घटनाएं हो सकती हैं. बस और रेलवे यातायात से जुड़ी बड़ी दुर्घटना होने की भी आशंका है. बीमारियों का संक्रमण बढ़ सकता है. शासन-प्रशासन और राजनैतिक दलों में तेज संघर्ष होंगे. सामुद्रिक तूफान और जहाज-यान दुर्घटनाएं भी हो सकती हैं. खदानों में दुर्घटना और भूकंपन से जन-धन हानि होने की आशंका बन रही है. रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. आय में इजाफा होगा. राजनीति में बड़े स्तर पर परिवर्तन देखने को मिलेगा.
गुरु के उपाय (Guru Upay)हं हनुमते नमः, ऊॅ नमः शिवाय, हं पवननंदनाय स्वाहा का जाप करें. प्रतिदिन सुबह और शाम हनुमान जी के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं. लाल मसूर की दाल शाम 7:00 बजे के बाद हनुमान मंदिर में चढ़ाएं. हनुमान जी को पान का भोग और दो बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं. ईश्वर की आराधना संपूर्ण दोषों को नष्ट एवं दूर करती है. महामृत्युंजय मंत्र और दुर्गा सप्तशती पाठ करना चाहिए. माता दुर्गा, भगवान शिव और हनुमानजी की आराधना करनी चाहिए.
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