व्यापार ही नहीं जीवन के हर क्षेत्र में मधुर और सच्चा व्यवहार एक चमत्कारिक औषधि की तरह काम करता है. सभी आपके अपने हो जाते हैं. जीवन में आसपास देखने पर हर सफल व्यक्ति अपने मधुर वाणी और कोमल व्यवहार के लिए जाना जाता है. इसके बिना तो व्यापार की कल्पना तक करना बेकार है. इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को सफलता प्राप्त करने से लिए मधुर व्यवहार सीखना चाहिए.



वेद वाक्य 'सत्यम् वद प्रियम् वद' एक साधना से कम नहीं है. लोग सही बात को इतने कड़ुए ढंग से बोलते हैं कि हम तो सत्य बोल रहे हैं. इसमें क्या होता है. बात कड़वी है तो क्या होता है. सत्य है. उनका यह भी कहना होता है कि दवाई भी कड़वी होती है. स्वास्थ्य के लिए लाभ दायक होती है. परंतु जीवन में लोगों को सत्यवचन भी मधुरता के साथ चाहिए नहीं तो उसका उल्टा असर होता है. सामने वाला व्यक्ति आपका दुश्मन तक हो जाता है. कहा जाता है कागा काको धन हरे, कोयल काकू देत तुलसी मीठे वचन ते जग आपनो करि लेत. याने कौवा किसका धन लूटता है फिर भी लोग उसको अपनें मुढेर पर नहीं बैठने देते हैं. वहीं कोयल किसी को कुछ नहीं देते फिर भी लोग कोयल की अगुवानी करते हैं यह चमत्कार सिर्फ मधुर वाणी का ही है.

मधुर व्यवहार और मीठा बोलना एक कला है जो हरेक के पास नहीं होती है. बोलने की कला श्रीराम से सीखा जा सकता है. रावण ने कटु वाणी से अपने सगे भाई विभीषण को खो दिया और अपना भेदी बना दिया. वहीं श्रीराम ने मीठे वचनों से दुश्मन के भाई को भी अपना बना लिया. इस तरह लंका का अजेय राज्य धराशाही हो गया. रावण की नाभि का कुंड तक का राज श्री राम तक पहुंच गया जबकि विभीषण रावण का सगा भाई था. भाई ने भाई की मृत्य का राज बता दिया.



कहते हैं कि जीवन में चेहरे की खूबसूरती की भूमिका मात्र दस प्रतिशत होती है, पर वाणी की खूबसूरती की भूमिका नब्बे प्रतिशत होती है. इसलिए शब्दों को संभालकर बोलें. शब्द मात्र शब्द ही नहीं होते मंत्र भी होते हैं. इनका प्रयोग बुद्धिमानी से करना चाहिए.

आपका व्यवहार आपकी प्रतिष्ठा बनाता है. आपका व्यवहार आपके व्यापार को नई उचाईयो पे ले जाता है. आपका व्यहवार आपके संबंध लोगो से अच्छे बनाता है. प्रेम से बात करने से कोई छोटा नहीं होता है. प्रेम व्यक्ति को हर जगह सम्मान दिलाता है.