Surya Grahan: इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को गुरुवार के दिन लगने वाला है. यह सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को सुबह 7.04 बजे से दोपहर 12.29 मिनट तक लगेगा. ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य के ऊपर राहु का प्रभाव बढ़ जाता है. इस समय सूरज ग्रसित हो जाता है इसलिए जातकों को इसके अशुभ परिणाम मिलते हैं. सूर्य ग्रहण की वजह से लोगों को शारीरिक और मानसिक कष्ट उठाने पड़ते हैं. आइए जानते हैं कि इस दिन किन उपायों को करके सूर्य ग्रहण के अशुभ प्रभाव से बचा जा सकता है.



सूर्य ग्रहण से बचने के उपाय


ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचने के लिए मंत्र जाप और दान करना चाहिए. माना जाता है कि ग्रहण काल में किसी मंत्र के जाप से ग्रहण का बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है बल्कि उसका हजार गुना फल प्राप्त होता है. ग्रहण काल में संकल्प लेकर ग्रहण के बाद इसे ब्राह्मण को दान देना चाहिए. ग्रहण अगर आपकी राशि या नक्षत्र में लग रहा हो तो ग्रहण काल में अपने राशि स्वामी या नक्षत्र स्वामी के मंत्र का जाप करें. सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य और राहु के मंत्र का जाप करना चाहिए.


जब ग्रहण का सूतक काल चल रहा हो तब किसी मंदिर या धार्मिक स्थान पर प्रवेश नहीं करना चाहिए. इस समय भोजन करने से परहेज करना चाहिए. ग्रहण के समय में बाल या नाखून काटने की भी मनाही होती है.


सूर्य ग्रहण के तुरंत बाद स्नान जरूर करना चाहिए. इसके बाद गेहूं, गुड़ और तांबे का दान करना शुभ माना जाता है. कांसे की कटोरी में थोड़ा सा घी भरकर तांबे का सिक्का डालकर अपना मुंह देख कर दान करने से सूर्य ग्रहण का प्रभाव कम होता है. ग्रहण के बाद छह नारियल अपने सिर पर से वार कर जल में प्रवाहित करें. सूर्य ग्रहण के दौरान आदित्यहृदय स्तोत्र और हनुमान चालीसा का पाठ करना अच्छा माना जाता है. सूर्य ग्रहण के समय तिल, नींबू और पका केला बहते पानी में बहाने से लाभ होता है.


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