Shani Dev: ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को बहुत महत्वपूर्ण दर्जा प्राप्त है. शनि लोगों को उनके कर्मों के अनुसार अच्छे या बुरे फल देते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, साढ़े साती शनि की साढ़े सात साल तक चलने वाली एक ग्रह दशा है. शनि सबसे धीमी गति से घूमने वाला ग्रह है जो एक से दूसरी राशि तक गोचर करने में लगभग ढाई साल का समय लेता है. इस तरह पूरी परिक्रमा पूरी करने में शनि को लगभग 30 साल समय लग जाता है. 


शनि की साढ़ेसाती में अगर नियमों का पालन ना किया जाए तो व्यक्ति को बहुत कष्ट उठाने पड़ते हैं. आइए जानते हैं कि शनि की साढ़ेसाती में व्यक्ति को किस तरह के जोखिम उठाने से बचना चाहिए.


शनि की साढ़ेसाती में ना करें ये काम



अगर आप पर शनि की साढ़ेसाती चल रही हो तो किसी भी जोखिम भरे काम को करने से बचना चाहिए. इस दौरान आपको घर या ऑफिस में किसी भी तरह के तर्क-वितर्क से बचना चाहिए. शनि की साढ़ेसाती में ड्राइविंग करते समय हमेशा सतर्क रहना चाहिए. इसके अलावा आपको रात्रि के समय अकेले यात्रा करने से भी बचना चाहिए. शनि की साढ़ेसाती के दौरान व्यक्ति के कानूनी विवाद में फंसने की संभावना ज्यादा रहती है. इसलिए इससे सतर्क रहना चाहिए. 


जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती हो उन्हें शनिवार और मंगलवार के दिन ना तो शराब पीनी चाहिए और ना ही तामसिक भोजन करने चाहिए. शनिवार और मंगलवार के दिन काले रंग के कपड़े या चमड़े के सामान खरीदने से बचना चाहिए. किसी भी तरह के अवैध या गलत चीजों में भाग लेने से भी बचना चाहिए. अपना चरित्र ठीक रखें.


शनि की साढ़ेसाती उतारने के उपाय


जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती हो, उन्हें किसी अपाहिज भिखारी को शनिवार के दिन अन्न का दान जरूर करना चाहिए. हर शनिवार को शनि के मूल मंत्र, 'नीलांजन समाभासं रवि पुत्रां यमाग्रजंम , छाया मार्तण्डसंभूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।' का जाप जरूर करना चाहिए. इसके अलाव शनि के बीज मंत्र 'ॐ प्रां प्रिं प्रौं स: शनैश्चराय नमः' का जाप करने से भी लाभ मिलता है. 


शनि की साढ़ेसाती का दुष्प्रभाव कम करने के लिए शनिवार की शाम एक कटोरी में तिल या सरसों का तेल डालकर उसमें 11 साबुत उड़द डालें. उसमे पांच मिनट देखने के बाद इस तेल को शनि मंदिर या हनुमान मंदिर में जाकर चढ़ाएं. हर दिन हनुमान चालीसा या शनि चालीसा का पाठ करने से भी लाभ मिलता है. किसी ज्योतिषी की सलाह से नीलम भी धारण कर सकते हैं.


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