Navgrah Mantra in Hindi: ज्योतिष शास्त्र में नवग्रहों की पूजा और शांति के लिए विशेष मंत्र बताए गए हैं. मान्यता कि इन मंत्रों का विधि पूर्वक जाप करने से नवग्रह शांत होते हैं, और जीवन में आने वाली बाधांए और परेशानियां दूर होती हैं. शास्त्रों में नवग्रहों की शांति को अति महत्वपूर्ण बताया गया है. ग्रह जब अशांत और अशुभ होते हैं तो जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. 


नवग्रह



  1. सूर्य

  2. बृहस्पति

  3. शनि

  4. मंगल

  5. बुध

  6. शुक्र

  7. चंद्रमा

  8. राहु

  9. केतु


सूर्य ग्रह की शांति
सूर्य को ज्योतिष शास्त्र में प्रमुख ग्रह माना गया है. सूर्य को ग्रहों का राजा बताया गया है. सूर्य ग्रह को शांति करने के लिए सूर्य को जल चढ़ाना अच्छा माना गया है. इसके साथ ही गायत्री मंत्र का जाप करने से भी सूर्य देव प्रसन्न होते हैं.
सूर्य का मंत्र- ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:


चंद्रमा की शांति
चंद्रमा को मन का कारक माना गया है. भगवान शिव की पूजा करने से चंद्रमा का दोष दूर होता है. चंद्रमा को शांत करने के लिए सोमवार को शिवलिंग का अभिषेक करें या जल चढ़ाएं. शिव चालीसा का पाठ करें और सफेद वस्तुओं का दान करने से चंद्रमा खराब फल देना बंद कर देते हैं. 
चंद्रमा का मंत्र- ऊँ  सों सोमाय नम:


मंगल दोष का उपाय
मंगल को एक क्रूर ग्रह माना गया है. मंगल की अशुभता को दूर करने के लिए हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए. मंगलवार को सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ करने से आराम मिलता है.
मंगल का मंत्र- ऊँ  अं अंगारकाय नम:


बुध की शांति 
बुध ग्रह को नवग्रहों का राजकुमार कहा गया है. बुध ग्रह जब खराब होता है तो सुंदरता में कम आती है. इसके साथ ही त्वचा संबंधी परेशानी देते हैं. बुध की अशुभता को दूर करने के लिए हरी सब्जी, हरे वस्त्र और भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए.
बुध का मंत्र- ऊँ  बुं बुधाय नम:


गुरु की शांति का उपाय
गुरु बृहस्पति ग्रह को देवताओं का गुरु बताया गया है. वर्तमान समय में गुरु वक्री हैं. और कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं. गुरु को मजबूत बनाने के लिए ब्रह्माजी,केला और पीपल के वृक्ष की पूजा करनी चाहिए. वहीं पीली वस्तुओं के दान से भी गुरु की अशुभता दूर होती है.
गुरु का मंत्र- ऊँ  बृं बृहस्पतये नम:


शुक्र  ग्रह की शांति
शुक्र को भोग विलास और आनंद का कारक माना गया है. शुक्र  जब अशुभ फल देते हैं तो व्यक्ति की सुख सुविधाओं में कमी कर देते हैं. 
शुक्र का मंत्र- ऊँ  शुं शुक्राय नम:


शनि की शांति का उपाय
शनि देव को न्याय का कारक माना गया है. शनि देव जब अशुभ होते हैं तो व्यक्ति को बहुत परेशानियां प्रदान करते हैं. साढ़ेसाती और ढैय्या के दौरान शनि देव अधिक परेशान करते है. मकर राशि में इस समय शनि वक्री होकर गोचर कर रहे हैं.
शनि का मंत्र- ऊँ  प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:


राहु शांति 
राहु भम्र और गलत संगत प्रदान करता है इसके साथ ही हर कार्य में बाधा प्रदान करता है. राहु की अशुभता को दूर करने के लिए कंबल,काले फूल, नारियल, कोयला का दान करना चाहिए. गलत संगत से बचना चाहिए.
राहु का मंत्र- ऊँ  भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:


केतु शांति उपाय
केतु खराब होने पर जीवन में बहुत तेजी से बुरी चीजें घटित होने लगती है. अचानक हानि पहुंचाना इसकी विशेषता है. काले कुत्ते को शनिवार के दिन भोजन कराना चाहिए. मंदिर में कंबल दान करने से केतु शांत होता है.
केतु का मंत्र- ऊँ  स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं स: केतवे नम:


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