Shani Dhaiya 2020: शनि की ढैय्या जब किसी राशि पर आती है तो जीवन में उथल-पुथल की स्थिति पैदा हो जाती है. अचानक जीवन में उतार चढ़ाव की परिस्थिति नजर आने लगती है. अचानक कोई रोग घेर लेता है जमा जमाया कारोबार नष्ट होने लगता है, व्यक्ति विवादों में फंस जाता है. संबंध खराब होने लगते हैं. सगे संबंधी दूरी बना लेते हैं, कुछ ऐसे ही लक्षण महसूस होने लगते हैं जब शनि की ढैय्या की आरंभ होती है. शनि की ढैय्या में धन, सेहत और दांपत्य जीवन पर विशेष ध्यान देना चाहिए.


मिथुन और तुला राशि पर है शनि की ढैय्या
किस राशि पर है शनि की ढैय्या? शनि की ढैय्या इस समय मिथुन और तुला राशि पर चल रही है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मिथुन राशि चक्र की तीसरी और तुला सातवीं राशि है. मिथुन और तुला राशि को विवेकशील राशि माना गया है. मिथुन और तुला राशि वाले परिश्रमी और हर कार्य को बहुत अच्छे ढंग से करने पर विश्वास करते हैं.


शनि का स्वभाव
ज्योतिष शास्त्र में शनि को न्यायप्रिय ग्रह माना गया है. हालांकि इनकी दृष्टि क्रूर मानी गई है. यानि जिस पर शनि देव की नजर पड़ जाए उसका नुकसान होना प्रारंभ हो जाता है. लेकिन कई मामलों में ऐसा नहीं होता है, जब शनि देव जन्म कुंडली में शुभ स्थान पर मौजूद होते हैं तो अशुभ फल नहीं देते हैं.


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मकर राशि में हैं शनि देव
शनि देव वर्तमान समय में मकर राशि में गोचर कर रहे हैं. मकर राशि शनि देव की अपनी राशि है. जब कोई ग्रह अपनी राशि में होता है बलशाली होता है. इस समय शनि शक्तिशाली स्थिति में है, वहीं 20 नवंबर को देव गुरु बृहस्पति भी धनु राशि से जो उनकी अपनी राशि थी से निकल कर मकर राशि में आ चुके हैं.


मिथुन और तुला राशि वाले करें शनि का उपाय
मिथुन और तुला राशि वाले आसान उपाय अपनाकर भी शनि देव की कू्रर दृष्टि से बच सकते हैं. 22 नवंबर को पंचांग के अनुसार धनिष्ठा नक्षत्र है और चंद्रमा कुंभ राशि में गोचर कर रहा है. मंगल धनिष्ठा नक्षत्र का स्वामी है, वहीं राशि स्वामी शनि हैं. इसलिए इस दिन शनि देव की पूजा करने से ढैय्या के प्रभाव को कम करने में मदद मिल सकती है. आज शनि चालीसा का पढ़ करें और रोगियों व निर्धन लोगों की मदद करें.


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