Sankashti Chaturthi Date 2024: हिंदू धर्म में संकष्टी चतुर्थी का खास महत्व होता है. इस दिन बुद्धि, ज्ञान और धन-वैभव के देवता भगवान गणेश की आराधना की जाती है. भगवान गणेश सभी देवी-देवतों में प्रथम पूजनीय माने गए हैं. उन्हें बुद्धि, बल और विवेक का देवता कहा जाता है.  फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 28 फरवरी को मनाई जाएगी. संकष्टी चतुर्थी पर पूरे विधि विधान भगवान गणेश की पूजा करने से भक्तों को मनचाहे फल की प्राप्ति होती है.


संकष्टी चतुर्थी  पूजा विधि



इस दिन आप प्रातः काल सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करना चाहिए इसके बाद साफ और धुले हुए कपड़े पहनने चाहिए. संकष्टी चतुर्थी के दिन लाल रंग के कपड़े पहन कर पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है. गणपति की पूजा करते समय आपका मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए. गणपति की मूर्ति को फूलों से अच्छी तरह से सजा लें. तिल, गुड़, लड्डू, फूल ताम्बे के कलश में पानी,धुप,चन्दन, केला और नारियल अपने पास रख लें.


रोली लगाकर गणेश भगवान को फूल और जल अर्पित करना चाहिए. उन्हें तिल के लड्डू और मोदक का भोग लगाएं. इस दिन पूजा के बाद फल, मूंगफली, खीर, दूध या साबूदाने को छोड़कर कुछ भी नहीं खाना चाहिए. शाम के समय चांद के निकलने से पहले गणपति की पूजा करें और संकष्टी व्रत कथा का पाठ करें. रात में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही अपना व्रत खोलें. आज के दिन पूजा उपासना करने से जीवन के सारे कष्ट और बाधाएं दूर हो जाती हैं.


संकष्टी चतुर्थी का महत्व


पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन गणपति की पूजा करने से घर से नकारात्मक प्रभाव दूर हो जाते हैं. गणपति की कृपा से सारे विघ्न दूर हो जाते हैं और घर में शांति बनी रहती है. ऐसा कहा जाता है कि गणेश जी घर में आ रही सारी विपदाओं को दूर करते हैं और सारी मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं. चतुर्थी के दिन चन्द्र दर्शन भी बहुत शुभ माना जाता है. सूर्योदय से प्रारम्भ होने वाला यह व्रत चंद्र दर्शन के बाद संपन्न होता है.


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