Ketu Transit in Libra, Ketu Gochar Bad Effect: ज्योतिष गणना के मुताबिक़, केतु 12 अप्रैल 2022 को तुला राशि में प्रवेश कर चुके हैं. ज्योतिष में इन्हें पापी ग्रह कहा जाता है. अब ये 30 अक्टूबर 2023 को तुला राशि से निकलकर कन्या राशि में प्रवेश करेंगे. 30 अक्टूबर तक तुला राशि वालों को केतु के अशुभ प्रभाव से कई प्रकार की परेशानियों का समाना करना पड़ेगा. केतु के प्रभाव की वजह से मौजूदा समय में तुला राशि वालों को अब पहले से अधिक मुश्किलें हो सकती हैं. ऐसे में इन लोगों को केतु की अशुभता को दूर करने के लिए कुछ ज्योतिषीय उपाय करने चाहिए.


इन नक्षत्रों के स्वामी  हैं केतु


ज्योतिष शास्त्र में केतु को अश्विनी, मघा और मूल नक्षत्र का स्वामी माना गया है. इनकी गणना अशुभ ग्रहों में होती है. केतु स्वरभानु राक्षस का धड़ है. दिशाओं में इनका प्रभाव वायण्य कोण माना जाता है. कुंडली में राहु-केतु के होने से काल सर्प दोष का निर्माण होता है. जो बेहद अशुभ प्रभाव डालता है.


केतु का प्रभाव


केतु के प्रभाव से मानसिक स्थिति प्रभावित होती है. जिसके कारण तुला राशि वालों को इस समय अकेलेपन का एहसास परेशान करेगा. तुला राशि के लोग खुद को काफी खोया-खोया महसूस करेंगे. कार्यस्थल पर कार्य का दबाव हो सकता है. सेल्स की नौकरी करने वाले को कई प्रकार की दिक्कतें आ सकती हैं.   


केतु के प्रभाव से बचने के लिए करें ये उपाय



  • सोमवार के दिन कुशा के माध्यम से शिवलिंग पर जल अर्पित करें.

  • ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं स: केतवे नम: मंत्र का जाप 5,11 या 18 माला करें.

  • नियमित रूप से शनिवार के दिन पीपल के नीचे घी का दीपक जलाएं.

  • माता दुर्गा की पूजा करें और दुर्गासप्तशती या दुर्गा चालीसा का नियमित पाठ करें.

  • कालिया नाग पर नाचते हुए भगवान कृष्‍ण की तस्‍वीर को सामने रखकर उनकी पूजा करें.


केतु का वैदिक मंत्र : ऊँ केतुं कृण्वन्नकेतवे पेशो मर्या अपेशसे। सुमुषद्भिरजायथाः।।


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