Maharashtra govt to HC: मुंबई पुलिस ने गुरुवार (8 दिसंबर) को बॉम्बे हाई कोर्ट को बताया कि कथित रूप से आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति की शिकायत पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनके परिजनों के खिलाफ प्रारंभिक जांच शुरू कर दी गई है.

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ठाकरे परिवार की तरफ से कथित रूप से आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति जमा किए जाने की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) से कराने का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका पर न्यायमूर्ति धीरज ठाकुर और न्यायमूर्ति वाल्मीकि मेनेजेस की बेंच की तरफ से फैसला सुरक्षित रखे जाने के बाद लोक अभियोजक अरुणा कामत पाई ने अदालत को बताया कि पुलिस ने मामले की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है.

CBI और ED करे जांच 

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ठाकरे परिवार ने जनहित याचिका को खारिज करने का अनुरोध करते हुए दलील दी थी कि वह सिर्फ अटकलों के आधार पर दायर की गई है और उसमें कोई तथ्य नहीं है. शहर निवासी गौरी भिड़े की तरफ से दायर याचिका में अदालत से अनुरोध किया गया था कि वह सीबीआई और ईडी को ठाकरे और उनके परिवार के खिलाफ ‘विस्तृत और निष्पक्ष जांच’ का निर्देश दे.

आरोपों की प्रारंभिक जांच शुरू

बेंच ने सुबह के सत्र में मामले पर संक्षिप्त सुनवाई की और आदेश सुरक्षित रख लिया. लेकिन दोपहर के सत्र में सरकारी वकील अरुणा पाई ने फिर से अदालत के समक्ष मामले को उठाया और उसे राज्य सरकार के रुख से अवगत कराया. पाई ने अदालत को बताया, ‘‘मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने आरोपों की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है.’’

कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग 

उद्धव ठाकरे के एडवोकेट अस्पी चिनॉय (Aspyi Chinoy) ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि यह कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है. याचिका दायर करने से पहले भिड़े ने अपने आरोपों को लेकर मुंबई के पुलिस आयुक्त को पत्र भी लिखा था. लेकिन, गुरुवार (8 दिसंबर) को भिड़े ने अदालत को बताया कि पुलिस ने उन्हें ऐसी किसी भी जांच के शुरू होने की जानकारी नहीं दी है. उन्होंने अदालत से कहा, ‘‘मेरा अनुरोध है कि केन्द्रीय एजेंसियों को जांच करने का निर्देश दिया जाए.’’

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