Garuda Purana Niti Grantha: गरुड़ पुराण हिंदू धर्म के 18 महापुराणों में एक है, जिसे महाभारत के रचयिता वेदव्यास द्वरा लिखा गया है. इसे वैष्णव पुराण भी कहा जाता है. इसमें 19 हजार श्लोक हैं, जिसमें भगवान विष्णु के 24 अवतारों का वर्णन किया गया है.
गरुड़ पुराण का पाठ आमतौर पर घर पर किसी परिजन की मृत्यु के बाद पूरे 13 दिनों के लिए कराया जाता है. गरुड़ पुराण के 16 हजार अध्याय में केवल जीवन-मरण के चक्र को विस्तारपूर्वक बताया गया है. साथ ही इसमें मृत्यु के बाद होने वाली घटनाएं, कई प्रकार के नरक, प्रेत कल्प, पुनर्जन्म, श्राद्ध और पितृकर्म के बारे में बताया गया है. इसके अलावा गरुड़ पुराण में बेहतर और सही तरीके से जीवन जीने और ज्ञान अर्जित करने के गूढ़ रहस्यों के बारे में भी बताया गया है, जिससे व्यक्ति को उचित मार्गदर्शन मिलता है.
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि व्यक्ति की किन आदतों के कारण घर की खुशहाली छिन जाती है और घर पर कलह-क्लेश की स्थिति रहती है. अगर आपमें भी ऐसी आदतें हैं तो समय रहते इसे सुधार लीजिए, क्योंकि ये आदतें पारिवारिक समस्याओं का कारण भी बन सकती है.
रात में जूठे बर्तन छोड़ने की आदत
कई लोगों की आदत होती है कि वे रात में रसोईघर में ही जूठे बर्तन छोड़ देते हैं. लेकिन ये आदत आपके घर को बर्बाद कर सकती है. सिंक में कभी भी जूठे बर्तनों को नहीं छोड़ना चाहिए. गरुड़ पुराण के अनुसार, यह आदत दरिद्रता का कारण बनती है और परिवार के लोगों में विवाद होते रहते हैं. यदि आप रात में किसी भी कारण बर्तन नहीं साफ कर सकते हैं तो कम से कम बर्तनों में पानी डालकर जूठे भोजन को हटा दें.
घर पर कबाड़ रखने की आदत
कई लोगों की आदत होती है कि वे घर पर ऐसी अनावश्यक चीजों को भी रख लेते हैं, जिसकी जरूरत नहीं होती है. खासकर छत, बालकनी या घर पर जहां भी पर्याप्त जगह होती है वहां कबाड़ का सामान इकट्ठा कर देते हैं. इस आदत से घर पर नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है. गरुड़ पुराण के अनुसार घर पर कबाड़ इकट्ठा करने से यह बड़े विवाद का कारण बनती है.
घर को गंदा रखना
कहा जाता है कि जहां साफ-सफाई होती है वहां मां लक्ष्मी का वास होता है और जहां गंदगी होती है वहां अलक्ष्मी का वास होता है. अलक्ष्मी, लक्ष्मीजी की बहन हैं. जिस घर पर अलक्ष्मी का वास होता है वहां दरिद्रता और कंगाली छा जाती है. गरुड़ पुराण के अनुसार घर की साफ-सफाई का हमेशा ध्यान रखना चाहिए और सभी चीजें उचित स्थान पर होनी चाहिए. इससे परिवार जनों में मदभेद नहीं होते हैं.
ये भी पढ़ें: Devraha Baba: देवरहा बाबा कौन थे? जिनके दर्शन पाने को बड़ी से बड़ी हस्तियां भी लालायित रहती थीं
Disclaimer:यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.