परीक्षा में श्रेष्ठ परिणाम की अभिलाषा सभी को होती है. वास्तु के अनुसार पूर्व और उत्तर दिशा में मुंह कर के पढ़ना उत्तम माना जाता है. दीवार पर सटाकर कुर्सी या टेबल न रखें. सामने की ओर अधिकाधिक खुलापन आवश्यक होता है. इससे सफलता अध्ययन के दौरान पढ़े गए विषय की ग्राह्यता बढ़ती है. टेबल कॉपी-किताबों से भरी न रखें. अस्त व्यस्त और भरी हुई टेबल पर पढ़ने में मन लगने की संभावना कम होती है.


किताबों को सेल्फ में रखें. कवर लगाकर रखें. संभव हो तो ऐसे सेल्फ बनाएं जिनसे किताबें नजर न आएं. सेल्फ खोलने पर ही दिखाई दें. ढेर सारी खुली किताबें मस्तिष्क की ऊर्जा को प्रभावित करती हैं. अध्ययन कक्ष में प्रकाश की व्यवस्था का संतुलन अवश्य देखें. अधिक रोशनी स्मरणशक्ति सहायक नहीं होती. कम ऊर्जा से पढ़ने में जोर लगता है. सहज प्रकाश की व्यवस्था बनाएं.


अनावश्यक वस्तुएं न रखें


विद्यार्थियों के कक्ष में मिरर, अनावश्यक वस्तुएं और भारी सामान न रखे जाएं. कक्ष हल्का और खाली अनुभव होना चाहिए. विद्यार्थियों के कक्ष में बेड आकार में जितना कम स्थान घेरे उतना ठीक रहता है. डबल बेड जैसे बड़े बिस्तर विद्यार्थी अपने रूम में न रखें. सोते समय सिर को पूर्व दिशा में रखें.


पढ़ने का सर्वाेत्तम समय ब्रह्म मुहूर्त में होता है. जल्दी उठकर सूर्याेदय से पहले की गई पढ़ाई स्मृति में लंबे समय तक रहती है. अध्ययन को लगातार न करें. वैज्ञानिक रूप से 40 मिनट का एक सेशन पर्याप्त है. इसके बाद कम से कम 10 मिनट का ब्रेक लें.