Lunar Eclipse 2021: चंद्र ग्रहण को ज्योतिष शास्त्र में एक प्रमुख खगोलीय घटना माना गया है. चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा पीड़ित हो जाता है, जिस कारण इसका शुभ फल प्राप्त नहीं होता है. ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन का कारक माना गया है. 


वर्ष 2021 में दो चंद्र ग्रहण का योग बना है. जिसमें से एक चंद्र ग्रहण बीते 26 मई को लग चुका है. अब दूसरा चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. पंचांग के अनुसार साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण 19 नवंबर 2021 को लगने जा रहा है. इस दिन चंद्र ग्रहण दोपहर लगभग 11 बजकर 30 मिनट पर लगेगा. चंद्र ग्रहण का समापन शाम 05 बजकर 33 मिनट पर होगा.


वृष राशि वाले बरतें सावधानी
19 नवंवर को लगने वाला चंद्र ग्रहण वृष राशि में लगेगा. इसलिए वृष राशि वालों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. चंद्र ग्रहण का सबसे अधिक प्रभाव वृष राशि पर ही देखने को मिलेगा. चंद्र ग्रहण के दौरान कृत्तिका नक्षत्र रहेगा. पंचांग के अनुसार इस दिन कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि रहेगी.


सूतक काल
ग्रहण के दौरान सूतक काल को महत्वपूर्ण माना गया है. लेकिन शास्त्रों के अनुसार सूतक काल तभी प्रभावी माना जाता है जब पूर्ण ग्रहण की स्थिति हो. इस बार लगने वाला चंद्र ग्रहण, उपछाया ग्रहण होगा. जब चंद्रमा पृथ्वी की वास्तविक छाया में आए बिना ही बाहर निकल आता है, तो इसे उपछाया ग्रहण कहा जाता है. वहीं जब चंद्रमा पृथ्वी की वास्तविक छाया में प्रवेश करता है तो पूर्ण चंद्र ग्रहण की स्थिति बनती है. उपछाया ग्रहण में सूतक काल मान्य नहीं होता है. चंद्र ग्रहण जब पूर्ण होता है तो सूतक काल 9 घंटे पूर्व से आरंभ होता है. वहीं जब सूर्य ग्रहण होता है तो सूतक काल 12 घंटे पूर्व आरंभ होता है. सूतक काल में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. इस दौरान भगवान का स्मरण करना चाहिए.


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