Chanakya Niti, Motivation Thought in Hindi : चाणक्य नीति के अनुसार विद्यार्थियों को अपनी शिक्षा के प्रति गंभीर रहना चाहिए. विद्यार्थी जीवन शिक्षा के प्रति समर्पित होना चाहिए. जो इस बात का ध्यान रखते हैं. वे अपने लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर लेते हैं. चाणक्य की इन बातों को विद्यार्थियों को अवश्य जानना चाहिए-


नियम- चाणक्य नीति के अनुसार विद्यार्थियों को नियमों का पालन करना चाहिए. विद्यार्थी जीवन अनमोल है. विद्यार्थियों के लिए एक एक पल महत्वपूर्ण है. नियमों का पालन किए बिना सफलता संभव नहीं है. नियमों पर चलने की भावना अनुशासन से आती है. इसलिए जो विद्यार्थी अनुशासित जीवन शैली को अपनाते हैं, उन्हें सफलता प्राप्त करने के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ता है. अनुशासन की भावना विद्यार्थियों को योग्य और कुशल बनाती हैं. इसके साथ ही अनुशासन से  समय के महत्च का पता चलता है. ध्यान रखना होगा कि समय कभी किसी के लिए नहीं रुकता है. जो विद्यार्थी समय पर अपने कार्यों को करता है, उसके लिए कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता है.


आलस का त्याग करें- चाणक्य नीति के अनुसार आलस विद्यार्थियों का सबसे बड़ा शत्रु है, इससे बचकर रहना चाहिए. एक बार लक्ष्य का निर्धारण कर लेने के बाद उसे पूरा करने के लिए जुट जाना चाहिए. आलस सदैव लक्ष्य से दूर करता है. आज के कार्य को कल पर टालने के लिए विवश करता है. समय रहते यदि इस पर ध्यान न दिया जाए तो गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं. इसलिए इस बुरी आदत से दूर रहने का प्रयास करना चाहिए. आलस विद्यार्थी को शोभा नहीं देता है.


अच्छी संगत को अपनाएं- चाणक्य नीति के अनुसार विद्यार्थी को अपनी संगत को लेकर गंभीर और जागरुक रहना चाहिए. संगत ऐसी होनी चाहिए जिससे उसे लाभ हो. ज्ञान में वृद्धि हो. भविष्य में कुछ करने की प्रेरणा मिले. गलत संगत अपनाने से भविष्य खतरे में पड़ जाता है. गलत संगत में रहकर कुशलता और प्रतिभा का नाश होता है. ऐसे लोग बाद में सफलता पाने के लिए संघर्ष करते हैं. इसलिए विद्यार्थियों को अपनी संगत सदैव अच्छी रखनी चाहिए. योग्य व्यक्तियों के साथ अधिक समय व्यतीत करना चाहिए.


गलत चीजों के सेवन से बचना चाहिए- चाणक्य नीति के अनुसार विद्यार्थी जीवन में स्वास्थ्य के प्रति भी सजग रहना चाहिए. नशा आदि से बचना चाहिए. विद्यार्थी जीवन में बुरी चीजें अधिक आकर्षित करती हैं इनसे बचना चाहिए. किसी भी प्रकार का नशा नहीं करना चाहिए. नशा करने से मन और मतिष्क पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है. इससे लक्ष्य को पाने में भी दिक्कत आती है.


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