Nutri Gardening: एक अच्छी और पोषण से भरपूर डाइट लेना हर बच्चे, बूढ़े, नौजवान का अधिकार है. इस अधिकार क्षेत्र से देश की आबादी को जोड़ने के लिए सरकारें लगातार प्रयासरत हैं. ऐसी योजनाओं पर काम चल रहा है, जिससे देश में कुपोषण की समस्या को दूर किया जा सके. गांव हो या शहर, हर तबके की महिला और बच्चे तक पोषणयुक्त आहार पहुंचाया जा सके, ताकि पोषण की कमी ना रहे और बीमारियों का खतरा भी दूर हो जाए. इस लक्ष्य को पाने में सरकार के आगे कई चुनौतियां भी रहीं. तब ही मार्च 2018 में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने पोषण अभियान का आगाज किया. इसमें न्यूट्री गार्डन का कांसेप्ट भी शामिल था. 


क्या है न्यूट्री गार्डन
न्यूट्री गार्डन का मॉडल कृषि विज्ञान केंद्रों ने विकसित किया है. यदि आपके घर के आगे-पीछे या छत पर कहीं खाली जगह है तो वहां न्यूट्री गार्डन विकसित किया जा सकता है, जिससे हरियाली बढ़ेगी और पोषण से भरपूर सब्जियों का भी उत्पादन मिल जाएगा. न्यूट्री गार्डन का मेन फोकस पोषण की उपलब्धता सुनिश्चित करना है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए न्यूट्री गार्डन में सब्जियों की ऑर्गेनिक फार्मिंग को प्रमोट किया जाता है, ताकि परिवार की दैनिक पोषण से जुड़ी आवश्यकताओं को घर से ही पूरा किया जा सके, हालांकि इसी तर्ज पर शहरों में छत पर बागवानी का भी चलन बढ़ रहा है.


किसान परिवारों के लिए वरदान न्यूट्री गार्डन
अकसर देखा जाता है कि जो अन्नदाता पूरे देश का पेट भरने के लिए दिन-रात पसीना बहाते हैं, वो खुद ही पोषण की कमी से जूझ रहे हैं. किसान और ग्रामीण मजदूर परिवारों की आय इतनी भी अच्छी नहीं होती कि रोजाना पौष्टिक आहार का सेवन कर सकें, लेकिन न्यूट्री गार्डन के कांसेप्ट से सेहत के साथ-साथ अच्छी इनकम का रास्ता भी साफ हो रहा है. ग्रामीण इलाकों में घरों के आसपास काफी खाली जगह होती है, जहां किसान परिवार की महिलाओं को न्यूट्री गार्डन लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. इससे घर की आवश्यकता की पूरी हो जाती है और अतिरिक्त उत्पादन को बाजार में भी बेच सकते हैं.


कौन सी सब्जियां उगाएं
अपने घर-परिवार और रसोई की आवश्यकता के अनुसार, न्यूट्री गार्डन में हर तरह की सब्जी उगाई जा सकती है. ग्रीष्मकालीन सब्जियों में टमाटर, मिर्च, भिंडी, करेला, लौकी, खीरा, टिंडा, अरबी, चौलाई एवं बैंगन की खेती की जा सकती है. वहीं सर्दियों के सीजन में अपने न्यूट्री गार्डन से टमाटर, फूल गोभी, पता गोभी, कद्दू वर्गीय सब्जियां एवं पालक का उत्पादन ले सकते हैं. यह गार्डन ऐसी जगह पर बनाएं, जहां सीधी धूप आती हो. सब्जियों के बेहतर प्रोडक्शन के लिए गार्डनिंग में वर्मीकंपोस्ट और खाद डालें. किचन से निकला ऑर्गेनिक वेस्ट भी सब्जियों का उत्पादन बढ़ा सकता है.


क्यों लाया गया न्यूट्री गार्डन का कांसेप्ट
भूख के स्तर और कुपोषण की गणना के आधार पर 14 अक्टूबर 2022 को प्रकाशित ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट में 121 देशों का नाम शामिल है, जिसमें भारत 107वें पायदान पर है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कम मात्रा में भोजन करने या पोषक तत्वों के कम अवशोषण से कुपोषण के मामले बढ़ रहे हैं. आमतौर पर अपर्याप्त पोषक तत्व, विटामिन, खनिज, मिनरल्स की कमी वाला भोजन करने से ही कुपोषण की समस्या बढ़ती है. यह प्रमुख रूप से महिलाओं और बच्चों को घेरती है. खाद्य एवं कृषि संगठन की रिपोर्ट से पता चला है कि भारत में करीब 194.4 मिलियन लोग यानी कुल जनसंख्या का 14.5 प्रतिशत तबका कुपोषण से ग्रस्त है, जिसमें सुधार की काफी आवश्यकता है. पोषण उपलब्धता के इसी मिशन को न्यूट्री गार्डन के मॉडल से सफल बनाया जा सकता है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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