Subsidy for Milk processing Unit: कृषि क्षेत्र के विकास और किसानों की तरक्की के लिये कई योजनायें (Agriculture Scheme) चलाई जा रही है. इनका लाभ किसानों तक पहुंचाने के लिये कई जागरुकता कार्यक्रम भी चलाए जाते हैं. राज्य सरकारें भी अपने-अपने स्तर पर खेती और किसानों के हित में अहम फैसले लेती है. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार ने भी खेती से लेकर डेयरी सेक्टर (Dairy Sector) के विकास-विस्तार के लिए अनुदान और निशुल्क बीज वितरण जैसी योजनाओं को मंजूरी दी है. अब मौसम की अनिश्चितताओं के प्रभावित किसानों को चना और मसूर के बीजों का निशुल्क वितरण किया जाएगा. वहीं मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट (Milk Processing Unit) से लेकर पशु आहार फैक्ट्री लगाने के लिये तक सरकार 5 से 10 करोड़ तक का अनुदान दे रही है. 


बीजों का निशुल्क वितरण
इस साल मौसम की अनिश्चितताओं के कारण किसानों ने काफी चुनौतियों का सामना किया है. बेमौसम बारिश के कारण कई फसलें जलमग्न हो गई. इसी कारण दलहनी फसलों के उत्पादन में भी काफी गिरावट दर्ज की गई है. किसानों को ऐसी परिस्थितियों से उबारने के लिये मुवावजा तो दिया ही जा रहा है, साथ अब रबी सीजन के लिये राज्य सरकार ने किसानों को निशुल्क बीज देने का फैसला किया है.


उत्तर प्रदेश की प्रमाणित बीजों के वितरण की अनुदान योजना के तहत सरकार की तरफ से किसानों को चना तथा मसूर के निःशुल्क बीज मिनीकिट वितरण किया जायेगा. इसके लिये राज्य सरकार 3,264 लाख रुपये खर्च करेगी, जो बीजों पर अनुदान के रूप में काम आएगी.






मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट पर सब्सिडी
उत्तर प्रदेश सरकरा ने राज्य में दुग्धशाला विकास एवं दुग्ध उत्पादन प्रोत्साहन नीति 2020 को मंजूरी दे दी है. इस नई नीति के तहत राज्य  में मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिये अलग-अलग तरह से 5 करोड़ तक की सब्सिडी दी जायेगी.


इतना ही नहीं, योजना के मुताबिक, अगले 5 सालों के लिये 10 करोड़ रुपये ब्याज पर अनुदान भी दिया जायेगा. इस योजना से राज्य में दूध के साथ-साथ दूध आधारित उत्पादों  की उपलब्धता को बढ़ाने में मदद मिलेगी. इसके अलावा मिल्क प्रोसेसिंग के प्लांट का विस्तार करने, मशीनीकरण और तकनीकी सिविल कार्यों के साीथ-साथ स्पेयर पार्ट्स की लागत पर 10 फीसदी या 5 करोड़ तक की सब्सिडी दी जायेगी. 






पशु आहार निर्माणशाला के लिये सब्सिडी
राज्य के पशुपालन, दूध और डेयरी का केंद्र बनाने के लिये राज्य सरकार ने राज्य में पशु आहार निर्माणशाला यानी फैक्ट्री लगाने के लिये 7.5 करोड़ की छूट का ऐलान किया है. इससे पशु चारे की कमी और पशु चारा संकट को दौर से उबरने में काफी मदद मिलेगी.


इतना ही नहीं, डेयरी क्षेत्र (Dairy Farming) के विस्तार के बाद किसानों और पशुपालकों को दूध के वाजिब दाम मिलने लगेंगे. इससके बाद पशुपालक भी पशुओं की खउराक की तरफ ध्यान देंगे तो चोकर चुन्नी, खंडा के साथ-साथ खली की डीमांड बढ़ जायेगी. ऐसे में पशु आहार फैक्ट्री (Animal Fodder) में बने उत्पादों से किसानों को पशुपालकों की मांग पूरी होगी ही, साथ ही रोजगार के असर भी खुलेंगे.


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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