Pulses Production In India: दाल को विदेशों से एक्सपोर्ट करना केंद्र सरकार के लिए टेंशन का विषय बना हुआ है. हर साल लाखों टन दाल विदेश से इंपोर्ट करनी पड़ती है. मार्केट के जानकारों का कहना है कि देश में दालों का उत्पादन ठीक ठाक होता है. लेकिन अधिक आबादी वाला देश होने के कारण यह उत्पादन कम पड़ जाता है. भारत में लोग दालों के खाने के शौकीन अधिक हैं. उतनी अधिक मात्रा में दालों की बुआई नहीं हो पाती है. केंद्र सरकार ने इसी कारण दालों के उत्पादन को बढ़ावा देने और कीमतों को नियंत्रण में लाने पर काम शुरू कर दिया है. 


दो सूत्रीय योजना से नियंत्रित होंगी कीमतें


दालों की बढ़ती कीमतों से खुद केंद्र सरकार चिंतित है. इस पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार अब दो सूत्रीय योजना पर काम करने की प्लानिंग कर रही है. गुरुवार को इस संबंध में व्यापारिक संगठनों और केंद्र सरकार के सीनियर अधिकारियों की बैठक हुई. बैठक में बढ़ती दालों की कीमतों को कम करने पर मंथन किया गया. केंद्र सरकार ने संकेत दिया है कि दालों के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा, साथ ही दालों के आयात करने की प्रक्रिया को और सरल बना दिया जाएगा. मंत्रालय की कोशिश है कि अगले साल तक दालों का उत्पादन बढ़े और अधिक दाल आयात कर ली जाएं तो देश में दालों की कीमतें नियंत्रित होंगी. 


देशों में दालों के उत्पादन में रखी जा रही नजर


केंद्र सरकार अलग अलग देश में हो रहे दाल उत्पादन पर नजर रखा रही हैं. म्यामांर में दाल उत्पादन बढ़ने के संकेत मिले हैं. इसके अलावा अफ्रीकी देशों में दालों की बुवाई एरिया में वृद्धि की रिपोर्ट सामने आ रही हैं. दलहन का पूरा ब्यौरा अगस्त, 2023 से उपलब्ध होगा. दालों के आयात करने की व्यवस्था को और सरल किया जा रहा है. केंद्र सरकार के अधिकारियों का कहना है कि भारत में इस साल दाल की पैदावार अच्छी हुई है. यहां भी उत्पादन ठीक होने की उम्मीद है. 


वर्ष 2023 में दालों की घट सकती हैं कीमतें


उपभोक्ता मामलों के विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ने दलहन संघों के साथ बैठक की. बैठम में उन्होंने कहा कि एक्सपोर्टर को दालों के आयात करने में किसी तरह की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी. सरकार की पूरी कोशिश है कि वर्ष 2023 में देश में सस्ती कीमतों पर दाल उपलब्ध हो. बता दें कि भारत में दाल की डिमांड और सप्लाई में करीब 25 लाख टन का अंतर है. यानि देश मेें 25 लाख टन विदेशों से एक्सपोर्ट की जाती है. घरेलू उत्पादन बढ़ाकर इसी अंतर को कम करने की कोशिश में केंद्र सरकार जुटी है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.



यह भी पढ़ें: खुश हो जाएं....फ्री में मिलेंगे कड़कनाथ के 100 चूजे, पोल्ट्री शेड, बर्तन और दाना भी दे रही सरकार