Dairy Farming: दूध को प्रोटीन और कैल्शियम का एक अच्छा सोर्स मानते हैं. देश-विदेश में दूध और इससे बने उत्पादों की मांग बढ़ती जा रही है. इसी का नतीजा है कि अब गांव-गांव में डेयरी फार्म खुलते जा रहे हैं. दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए उन्नत नस्लों के पशुओं को बेड़े में शामिल किया जा रहा है. किसान की दिलचस्पी इसलिए भी इस काम में बढ़ रही है, क्योंकि पशुपालन-डेयरी फार्मिंग से अतिरिक्त आमदनी हो ही जाती है. खेत के लिए खाद का इंतजाम भी हो जाता है. अब सरकार भी किसानों को इस काम  में आर्थिक और तकनीकी सहयोग दे रही है.


अब राज्य सरकारें भी अपने लेवल पर किसानों को पशुपालन और डेयरी फार्मिंग से जोड़ने के लिए प्रेरित कर रही है. इस कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार भी आगे आई है. राज्य सरकार ने पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए किसानों-पशुपालकों को 10 लाख रुपये का लोन देने की नई स्कीम निकाली है. इसका लाभ लेना भी बेहद आसान है.


क्या है ये योजना


कुछ समय पहले ही मध्य प्रदेश राज्य सहकारिता डेयरी फेडरेशन ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के साथ एक एमओयू साइन किया है, जिसका मकसद है राज्य में दूध उत्पादन को बढ़ावा और इसी लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्य के किसान और पशुपालकों को दुधारु पशु खरीदने के लिए 10 लाख रुपये तक का लोन दिया जाएगा, वो भी किसी गारंटी के बिना ही.


अनुमान है कि इस स्कीम से छोटे और  सीमांत किसानों को भी लाभ होगा, क्योंकि महंगाई के बीच यह वर्ग ही आर्थिक तंगी के चलते कुछ नया करने से पीछे रह जाता है. ऐसे में सरकार के इस कदम से इस वर्ग के किसानों को भी प्रोत्साहन मिलेगा.


कैसे करना होगा लोन का भुगतान


एमपी स्टेट कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बीच हुए इस एमओयू के अनुसार, किसान और पशुपालकों को 2 मवेशियों से लेकर, 4, 6 और 8 की संख्या में मवेशी खरीदने की छूट दी जाएगी, जिसके लिए वो अपने जिले में चिन्हित 3 से 4 बैंक की शाखाओं में लोन के लिए आवेदन कर पाएंगे.


इस योजना के तहत 10 लाख तक का मुद्रा लोन और 60,000 का नॉन मुद्रा लोन दिया जाएगा, जिसके बदल में किसानों-पशुपालकों को पहले ही 10 प्रतिशत मार्जिन मनी सब्मिट करनी होगी. अच्छी बात यह है कि लोन की रकम को चुकाने के लिए कैसा भी दवाब नहीं होगा, बल्कि किसान चाहें तो 36 किस्तों में लोन की रकम का भुगतान कर सकते हैं.


किन-किन चीजों के लिए मिलता है लोन


वैसे तो देश में पशुपालन और डेयरी फार्मिंग के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिससे किसानों और पशुपालकों को आर्थिक संबल मिला है. कई योजनाओं में आवेदन करने पर केंद्रीय पशुपालन, मत्स्य पालन और डेयरी मंत्रालय से फंड जारी होता है तो कुछ परियोजनाओं में नाबार्ड का प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष सहयोग मिलता है.


इस कड़ी में अब एमपी स्टेट कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन के साथ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया भी आगे आया है. एसबीआई की ओर से मिल्क कलेक्शन यूनिट के निर्माण से लेकर ऑटोमैटिक मिल्किंग मशीन, मिल्क कलेक्शन सिस्टम, मिल्क ट्रांसपोर्ट वैन आदि के लिए भी लोन दिया जाता है.


लोन की ब्याद दर भी नियम और शर्तों के आधार पर निर्धारित की जाती हैं, जो 10% से लेकर 24% तक होती हैं. इन योजनाओं में आवेदन करने के लिए अपने जिले के पशुपालन विज्ञान, कृषि विज्ञान केंद्र या पशु चिकित्सालय में भी संपर्क कर सकते हैं.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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