Nano DAP Benefits: नैनो डीएपी फर्टिलाइजर का इंतजार कर रहे किसानों को केंद्र सरकार ने राहत दी है. बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इफको के नैनो (तरल) डीएपी उर्वरक को कमर्शियल बिक्री के लिए पेश कर दिया. इस कदम को कृषि क्षेत्र में बड़ी क्रांति के तौर पर देखा जा रहा है. केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि इफ्को नैनो डीएपी(तरल) प्रोडेक्ट से भारत फर्टिलाइजर के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकेगा. इससे राष्ट्रीय सहकारी समिति को रिसर्च करने का मौका मिलेगा, साथ ही नए क्षेत्र के रूप में एक विकल्प भी मिला है. 


डीएपी से आधे से कम होगी कीमत


नैनो डीएपी को पारंपरिक रूप से चलने वाले डीएपी को ध्यान में रखा गया है. पारंपरिक रूप के डीएपी(डाय-अमोनियम फॉस्फेट) के 50 किलो के बैग की कीमत 1350 रुपये है, जबकि नैनो तरल (लिक्विड) डीएपी की एक बोतल (500 एमएल) की क्षमता डीएपी के एक बैग (50 किग्रा) के बराबर होगी. नैनो डीएपी की एक बोतल की कीमत करीब 600 रुपये है. इस तरह किसानों को आधे से अधिक की बचत हो सकेगी.   


इतने किलो यूरिया के बराबर एक बोतल


नैनो तरल डीएपी भूमि पर कितना असरकारक होगा. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि नैनो तरल डीएपी की 500 मिली. की एक बोतल 45 किलो दानेदार यूरिया की बोरी के बराबर है. यानि एक खेत में जितना असर 45 किलो यूरिया करेगा. उतना ही नैनो डीएपी की एक बोतल कर देगी. विशेषज्ञों का कहना है कि लिक्विड होने की वजह से यह परंपरागत डीएपी से कम कैमिकली तौर पर जमीन को प्रभावित करेगी. 


देश में 384 लाख मीट्रिक टन होता है उत्पादन


केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि मौजूदा समय में देश में 384 लाख मीट्रिक टन फर्टिलाइजर का उत्पादन होता है. सहकारी समिति इसमें से 132 लाख मीट्रिक टन उत्पादन करती है. इस 132 लाख मीट्रिक टन में 90 लाख टन का उत्पादन इफ्को करता है. गृह मंत्री ने कहा कि फर्टिलाइजर, दुग्ध उत्पादन व मार्केटिंग में इफ्को, कृभको जैसी सहकारी समितियों बड़ा योगदान दे रही हैं. 


नैनो डीएपी का प्रयोग करें किसान


केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि किसानों को नैनो डीएपी का प्रयोग करना चाहिए. इसका प्रभाव अन्य फर्टिलाइजर से अधिक देखने को मिलेगा. दानेदार यूरिया के इस्तेमाल से भूमि की उर्वरकता खत्म होती है. वहीं, व्यक्ति की सेहत पर भी निगेटिव प्रभाव पड़ता है. किसानों को इस डीएपी का प्रयोग करने से खासी बचत भी होगी. 



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