Kisan Credit Card: आज किसानों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं. इन योजनाओं से किसानों को आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण मिला है. खासतौर पर छोटे और आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग के किसान भी अब  बिना पैसों की तंगी के खेती कर रहे हैं. इससे कृषि क्षेत्र भी समृद्धि आ रही है और किसान आत्मनिर्भर बन रहे हैं. ये योजनाएं सिर्फ किसानों को आर्थिक तौर पर मजबूत प्रदान करने के साथ-साथ बुरे वक्त में किसानों के लिए वरदान साबित हुई हैं. इन्हीं योजनाओं में शामिल है किसान क्रेडिट कार्ड योजना. 1998 में शुरू हुई इस योजना से आज देश के लाखों किसान लाभान्वित हो रहे हैं.


इस स्कीम के तहत किसानों को पर्याप्त मात्रा में सुविधाजनक लोन मिल जाता है. अच्छी बात यह है कि केसीसी लोन लेने के बाद यदि प्राकृतिक आपदाओं के चलते फसल नुकसान में चली जाए तो किसानों को बडी राहत भी दी जाती है.


कैसे लें केसीसी लोन


किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत किसानों को नकद के बजाए क्रेडिट कार्ड पर लोन दिया जाता है, ताकि किसान जरूरत के मुताबिक खाद, बीज, कीटनाशक, कृषि यंत्र आदि खरीदकर टाइम से कृषि कार्य कर सकें.


इस योजना की शुरुआत नाबार्ड और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने की, जिसके तहत किसी भी को-ऑपरेटिव, क्षेत्रीय ग्रामीण या पब्लिक सेक्टर की बैंक से किसान सस्ती दरों पर लोन ले सकते हैं. इस लोन से साहूकारों और महाजनों पर कर्ज की निर्भरता को कम कर दिया है.


कभी कर्ज ना चुका पाने के कारण किसानों की जमीन साहूकारों की हो जाती थी, जबकि किसान क्रेडिट कार्ड पर दिए जा रहे लोन में ऐसी कोई जबरदस्ती नहीं की जाती है. केसीसी के तहत सरकार की ओर से बनाए गए नियमों-शर्तों के अलावा किसान की परिस्थितियों के हिसाब से लोन की राशि चुकता करनी होती है.


कितनी होगी लोन की रकम


किसान क्रेडिट कार्ड 5 साल के लिए 3 लाख तक का अल्पकालिक लोन दिया जाता है, जबकि 1 लाख तक का केसीसी लोन बिना किसी गारंटी के दिया जाता है. 1 लाख से अधिक कृषि लोन पास करवाने के लिए ही जमानत रखनी होती है.


यदि किसान समय पर लोन नहीं चुका पाते तो बैंक और वित्तीय संस्थाओं की ओर से कई दूसरे ऑप्शन भी दिए जाते हैं, जो किसान के लिए सुविधाजनक होते हैं. वहीं अगर सालभर के अंदर पूरा लोन चुका दें तो ब्याज दरों पर 3 प्रतिशत की छूट भी दी जाती है


फसल खराब होने पर किसानों को प्रोटेक्शन


आज खेती-किसानी में पैसों की तंगी रुकावट नहीं बनती. किसान क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करने के बाद 15 दिन के अंदर किसान को लोन जारी कर दिया जाता है. इतना ही नहीं, लोन के साथ-साथ किसान को कुछ फसलों के लिए इश्योरेंस कवरेज भी मिलती है.


इससे प्राकृतिक आपदाओं या कीड़ों के हमलों से फसल खराब होने पर कर्जदार किसानों को प्रोटेक्शन दिया जाता है. इस तरह किसानों पर कर्ज चुकाने का बोझ नहीं होता. किसान चाहें  तो बैंक या वित्तीय संस्थान में एप्लीकेशन देकर लोन की समयावधि को आगे बढ़ा सकते हैं.


किसानों को कोलेटरल सिक्योरिटी का भी विकल्प दिया जाता है, जहां लोन की रकम 1 लाख से अधिक होने पर जमीन गिरवी रखनी होगी और अगली फसल के बेहतर उत्पादन का आश्वासन देना होगा.


इन दिनों मौसम की अनियमितताओं के कारण देश के कई इलाकों में फसल नुकसान देखा जा रहा है. इनमें से ज्यादातर फसलें उन किसानों की हैं, जो लोन लेकर खेती करते हैं. यदि केसीसी लोन लेकर खेती कर रहे हैं तो नुकसान होने पर केसीसी लोन जारी करने वाली बैंक या वित्तीय संस्थान में संपर्क कर सकते हैं.


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