Krishi Machinery Subsidy: आधुनिक तकनीकों और मशीनों ने किसानों के काम को कई गुना आसान बना दिया है. जिन कृषि कार्यों को करने में कभी महीनेभर का समय लग जाता था. आज उन्हीं कामों को मशीनों के जरिए चंद दिनों में पूरा कर सकते हैं. शुरुआत में किसानों को कृषि मशीनों की कीमतों को लेकर काफी चिंता रहती थी, लेकिन अब केंद्र और राज्य सरकारों ने तमाम सब्सिडी योजनाओं के जरिए खर्च के इस बोझ को भी हल्का कर दिया है. बुवाई से लेकर फसल कटाई और प्रबंधन तक का काम करने वाली मशीनें अब आधे दामों पर उपलब्ध करवाई जाती है.


राजस्थान सरकार ने भी किसानों के लिए एक ऐसी ही नई स्कीम निकाली है, जिसके तहत कृषि कार्यों को झटपट निपटाने वाले टॉप 6 कृषि यंत्रों की खरीद पर 50 प्रतिशत सब्सिडी मिल रही है. 


इन कृषि यत्रों पर 50 प्रतिशत अनुदान


राज्य के किसानों को समय और पैसा बचाने के लिए आधुनिक कृषि यंत्रों पर 40 से 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है. इन कृषि यंत्रों में सीड ड्रिल/सीड कम फर्टीलाइजर ड्रिल, डिस्क प्लाऊ/डिस्क हैरो, रोटोवेटर, मल्टी क्रॉप थ्रेसर, रिज फरो प्लांटर/मल्टी क्रॉप प्लांटर/ट्रेक्टर ऑपरेटेड रिपर, चिजल प्लाऊ आदि शामिल हैं. 




कैसे करें आवेदन


कृषि यंत्रों की खरीद पर अनुदान की सुविधा के लिए किसान को राजस्थान का मूल निवासी होना अनिवार्य है. इच्छुक किसान चाहें तो अपने नजदीकी ई-मित्र केंद्र या सीएससी सेंटर पर जाकर आवेदन कर सकते हैं.


ध्यान रखें कि किसान भाईयों को कुछ दस्तावेजों की सॉफ्ट कॉपी भी आवेदन के साथ अटैच करनी होगी. इनमें ट्रैक्टर चलित यंत्रों की खरीद पर सब्सिडी का लाभ पाने के लिए आधार कार्ड/जनाधार कार्ड, 6 महीने में अपडेटिड खेत की जमाबंदी की कॉपी, जाति प्रमाण पत्र, ट्रैक्टर का पंजीयन प्रमाण पत्र (RC) की कॉपी आदि होने चाहिए.


जानकारी के लिए बता दें कि राजकिसान साथी पोर्टल पर अपडेटिड लिस्ट में शामिल जिले के पंजीकृत निर्माता/विक्रेताओं से ही कृषि यंत्र खरीदने पर अनुदान दिया जाएगा. सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ ऑनलाइन आवेदन करते ही किसान को रसीद भी मिल जाएगी.


कैसे चुने जाएंगे किसान


कृषि यंत्रों की खरीद पर अनुदान हेतु आवेदन करने के बाद किसान को कृषि कार्यालय की प्रशासनिक स्वीकृति जारी होने का इंतजार करना होगा. किसान आवेदन स्वीकार करते ही मोबाइल मैसेज जारी कर दिया जाएगा. तब ही किसान रजिस्टर्ड डीलर या विक्रेता से कृषि यंत्र खरीद सकते हैं.


इसके बाद जिले के कृषि पर्यवेक्षक या सहायक कृषि अधिकारी द्वारा कृषि यंत्र का फिजिकल वेरिफिकेशन किया जाएगा. इस दौरान किसान को कृषि यंत्र का बिल भी प्रस्तुत करना होगा. सब कुछ ठीक रहा तो अनुदान की रकम सीधा किसान के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी.


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