Green Pea Farming: सर्दी आते-आते बाजार में मटर की डिमांड (Demand of Green Pea) काफी हद तक बढ़ जाती है. वैसे तो मटर एक सर्दियों के सीजन की फसल है. लेकिन इसकी खपत साल भर रहती है, इसलिये बाजार में फ्रोजन मटर (Frozen Peas) का भी विकल्प होता है. इसके बावजूद ज्यादातर लोग घर की छतों, बगीचों और बालकनी में मटर की बागवानी (Green Peas in Balcony) करते हैं. इसके लिए बहुत ज्यादा तामझाम करने की जरूरत नहीं होती, बल्कि कंटेनर या क्यारियां बनाकर ही मटर की बुवाई (Green Peas  in Container) करके ताजा हरी फलियों का शौक पूरा कर सकते हैं.


कंटेनर में मटर की बागवानी 
यदि आप घर की बालकनी, छत या बगीचे में मटर उगाना चाहते हैं, तो इसके लिए मटर की झाड़ीदार या बेलदार वैरायटी को चुन सकते हैं. घर पर मटर की बगवानी के लिये कैस्केडिया (Cascadia), शुगर डैडी (Sugar Daddy), चीनी स्नैप (Sugar Snap) और बर्फ/मैंगेटआउट मटर (Snow/Mangetouts Peas) जैसी किस्मों से बुवाई कर सकते हैं.


कंटेनर तैयार करें
मटर के बीजों की बुवाई से पहले कंटेनर और क्यारियों में खाद, वर्मी कंपोस्ट, बाग की मिट्टी, कोकोपीट जैसी चीजों का मिश्रण बनाकर भर दें. ध्यान रखें कि कंटेयर या क्यारियां ऊपर से 2 इंच खाली होनी चाहिये, जिससे पानी डालने पर बाहर ना निकले. इसके बाद कंटेनर में हल्का पानी लगाने के बाद मटर के अंकुरित बीजों की बुवाई कर दें. मटर के पौधों की अच्छी बढ़वार के लिये मिट्टी में नमी बनाए रखें. आप चाहें तो सभी तामझाम छोड़कर नर्सरी से मटर का पौधा भी खरीद सकते हैं.


पौधों की देखभाल 
ध्यान रखें कि मटर के पौधे को बढ़ने के लिए अच्छी धूप और नमी की जरूरत होती है, इसलिये बालकनी या छत पर मटर सीधी धूप वाले स्थाप पर कंटेनर या क्यारियां लगायें. 



  • ध्यान रखें कि शुरुआती 3 से 4 सप्ताह तक मटर के पौधों का ठीक तरह से विकास हो सके. 

  • खासकर जब पौधों में फलियां निकलने लगें तो कंटेनर की मिट्टी को खुरपी की मदद से उलट-पलट करते रहें. 

  • समय-समय पर पौधों में कीट रोगों की निगरानी भी करते रहें और इनका प्रकोप देखने पर नीम ऑयल (Neem Oil Spray) का छिड़काव करें.


मटर की तुड़ाई
बता दें कि कंटेनर या क्यारियों में मटर की बुवाई (Grow Green Pea in Container) के 65 से 75 दिन के अंदर फलियां बनी शुरू हो जाती हैं. वैसे तो मटर का उत्पादन और समय पूरी तरह मटर की किस्म पर निर्भर करता है. आप चाहें तो मटर की कम अवधि वाली किस्में भी लगा सकते हैं. कंटेनर में मटर की फलियां अच्छी लंबाई वाली और हरी हो जाएं तो उनकी तुड़ाई या कटिंग (Green Pea Harvesting)  कर लें. ध्यान रहे कि पौधा मटर की बेल या पौधा कमजोर होता है. ऐसे में पौधे और बेल को पकड़कर  मटर की फलियों (Green Peas Production) को निकाल लें. इस तरह सर्दियों में घर पर ही मटर की बागवानी (Green Pea Gardening) करके रोजाना ताजी हरी मटर का जायका ले सकते हैं.


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