Poultry Farming for better income: भारत में अंडा और मांस की बढ़ती मांग के कारण कई किसान पोल्ट्री फार्मिंग की तरफ रुख कर रहे हैं. सिर्फ गांव में ही नहीं बल्कि शहरी क्षेत्रों में मुर्गी पालन काफी लोकप्रिय हो रहा है. सही मैनेजमेंट और बढ़ती मांग के कारण को ध्यान में रखा जाये अच्छी कमाई की जा सकती है. हालांकि जरूरी नहीं है कि मुर्गीपालन बड़े स्तर पर ही किया जाये, गांव के लोग अपने घरों के बैकयार्ड में अंडा-मांस का उत्पादन कर सकते हैं. भारत में मुर्गियों की नस्ल की बात की जाये, तो कड़कनाथ पालन से सिर्फ 3 महिने के अंदर लाखों की कमाई की जा सकती है.
कड़कनाथ कड़कनाथ मुर्गा काले रंग का होता है, जिसमें दूसरी नस्लों से बेहतर रोग प्रतिरोधी यानी बीमारियों से लड़ने की क्षमता पाई जाती है. इसके मांस में 2.9% वसा और 100 ग्राम मांस में सिर्फ 59 मिलीग्राम कोलेस्ट्रॉल होता है। इसमें लौह तत्व, कैल्शियम, विटामिन-बी और विटामिन-सी जैसे जरूरी पोषक तत्व तो भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं. और इसके मांस से 20-24 फीसदी प्रोटीन मिल जाता है.
बाजार में मांगकड़कनाथ की बाजार मांग की बात करें तो दिल्ली, मुंबई और चेन्नई जैसे शहरों में इसका अंडा 20-30 रुपये तक की कीमत पर बेचा जात है. वहीं पोषण से भरपूर इसका मांस भी 700-1000 रुपये तक की कीमत पर बिक जाता है. कड़कनाथ मुर्गा ज्यादातर मध्य प्रदेश के अलावा झारखंड एवं छत्तीसगढ़ में ज्यादा मिलता है. लेकिन अब देश के कोने-कोने में इसकी पोल्ट्रियां चलाई जा रही हैं.
कड़कनाथ पालन की उन्नत तकनीकआम मुर्गियों की तरह कड़कनाथ मुर्गा पालना बेहद आसान है. जो किसान कड़कनाथ की पोल्ट्री लगाना चाहते हैं, वो अपने घरों के बैकयार्ड में ही या फिर शेड़ डालकर छोटे स्तर पर शुरूआत कर सकते हैं. बस समय पर कड़कनाथ को टीका लगवायें, जैविक आहार खिलाएं, और साफ-सफाई का ध्यान रखें. इससे बीमारियों की संभावना भी खत्म हो जायेगी.
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