Stud Farming: एक समय वो भी था, जब लोग गाय, भैंस, बकरी के साथ-साथ ऊंट और घोड़ा भी पालते थे. बीच के कुछ दशकों में घोड़ा और ऊंट पालन से लोगों का रुझान काफी कम हो गया था, लेकिन अब फैशन और वेस्टर्न कल्चर के प्रचलन में आते ही दोबारा लोग स्टड फार्म खोल रहे हैं. ये बिजनेस सिर्फ गांव में ही नहीं, शहरों में भी फायदेमंद है, क्योंकि शहरों में घुड़सवारी का चलन बढ़ गया है. आज युवा खुद आगे आकर घुड़सवारी में रुचि दिखा रहे हैं. स्कूलों में भी बच्चों को घुड़सवारी सिखाई जाती है. सोशल मीडिया के चलते अब ये घोड़े खूब मशहूर हो रहे हैं, लेकिन आपको बता दें कि घुड़सवारी एक शौक बेशक हो सकता है, लेकिन घोड़ा पालन करोड़ों का बिजनेस है. ये एक सबसे फुर्तीला पशु है, जिसे पालकर आप कुछ ही साल में करोड़ों की अर्निंग ले सकते हैं.


कैसे पालें घोड़ा
आज के समय में घोड़ा पालन काफी सीमित है, इसलिए ज्यादा लोगों को इस बारे में जानकारी नहीं होती. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि शुरुआत में 2 घोड़ियां खरीदकर आप मिनी स्टड फार्म बना सकते हैं.इनकी खरीद में कुछ ज्यादा पैसा खर्च हो सकता है, लेकिन ये आपकी सोच से ज्यादा मुनाफा कमाकर दे सकती हैं.


इन्हें खरीदने के लिए किसान बैंक लोन या राष्ट्रीय पशुधन मिश स्कीम में आवेदन कर सकते हैं. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि एक घोड़े का जीवनकाल 25 से 30 साल का होता है. 5 से 6 साल के अंदर इन घोड़ों का हाड़-मांस मजबूत हो जाता है और घुड़सवारी लायक हो जाते हैं.


राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में हमेशा अच्छी नस्ल के घोड़ों की डिमांड रहती है. पैदा होने के 2 साल बाद कोई भी घोड़ा या घोड़ी मैच्योर होकर 6 साल तक व्यस्क हो जाते हैं. किसी भी घोड़ी का कृत्रिम गर्भाधान करवाएं तो 3 से 3.5 साल में दो बछेरा (घोड़ी के बच्चे) मिल जाते हैं, जिनकी मदद से आप अपने घोड़ा फार्म का विस्तार भी कर सकते हैं.


घोड़े को क्या खिलाएं
घोड़ों के खास-पान को लेकर भी चिंता करने  की आवश्यकता नहीं, क्योंकि इनके चारे में ज्यादा लागत नहीं आती. आप दिन में एक बार हरा चारा और दो बार अनाज खिला सकते हैं.एक्सपर्ट्स की सलाह पर जौ, बाजरा, खली, गेहूं की चापड़, चने की चूरी, नेपियर घास, गुड़ और प्रोटीन की आपूर्ति कर सकते हैं. चुकंदर, पेलेट मिक्स या मूंगफली का चारा भी घोड़ों के लिए फायदेमंद होता है. बाकी पशुओं की तरह घोड़ों के लिए भी चौबीसों घंटे पीने के पानी की व्यवस्था होनी चाहिए.


कैसा हो रहन-सहन
घोड़े सिर्फ पालतू जानवर ही नहीं, स्ट्रेस रिलीवर भी होते हैं. आज पूरी दुनिया में हॉर्स थेरेपी काफी फेमस है, जो इंसानों को तनाव और अवसाद से निजात दिलाती है, इसलिए इन घोड़ों की खुश रखना भी बेहद जरूरी है, इसलिए 2 से 3 घंटे खुले वातावरण में छोड़ देना चाहिए.


घोड़ों के रखने के लिए एक शेड़ डालकर साधारण का तबेला बना सकते हैं. यदि दो घोड़े पाल रहे हैं तो अलग-अलग तबेला या पार्टिशन बनाकर रखना होगा. ये तबेला साफ-सुथरा और सभी आवश्यक सुविधाओं से लैस होना चाहिए.


यहां घोड़ें के लिए इमरजेंसी हेल्थ किट भी रखें. घोड़ों की साफ-सफाई, नहाने-घुलाने का ध्यान रखें, जिससे मक्खी-मच्छर या किसी संक्रमण का खतरा ना रहे. समय-समय पशु चिकित्सा से परामर्श करके घोड़ों का टीकाकरण भी करवाना होता है.


इन नस्लों का है खूब दबदबा
घुड़सवारी एक अंतर्राष्ट्रीय खेल है. राजस्थान से लेकर पंजाब, गुजरात और मणिपुर में घोड़ा पालन किया जा रहा है. देश में घोड़ों की दर्जनों नस्लें मौजूद है, लेकिन मारवाड़ी घोड़ा, काठियावाड़ी घोड़ा, स्पीती घोड़ा, मणिपुर पोनी घोड़ा, भूटिया घोड़ा, कच्छी सिंध घोड़ा अपनी खूबियों के लिए ज्यादा मशहूर हैं.


इन सबसे फेमस प्रजाति है देवली लाइन का मारवाड़ी घोड़ा, जिसका कद ऊंचा और पैर काफी मजबूत होते हैं. इस नस्ल के घोड़े-घोड़ियां लात नहीं मारते, बल्कि शांत स्वभावी होते हैं. ये रेस के मैदान में उतरते ही तूफान की तरह दौड़ने लगते हैं.


अगर आप भी घोड़ी खरीदने का मन बना रहे हैं तो देवली लाइन की मारवाड़ी घोड़ी खरीद सकते हैं, जिसके लिए आपको 10 लाख से लेकर 2-3 करोड़ रुपये तक खर्च करने पड़ सकते हैं. वैसे तो इस कीमत में आप खुद का बंगला और लग्जरी गाड़ी खरीद सकते हैं, लेकिन भविष्य के नजरिए से देखें तो स्टड फार्म खोलकर भी उससे कहीं ज्यादा तरक्की कर जाएंगे. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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