Adani Group Employees To The Earth Saviours Foundation: देश की बड़ी आबादी का एक हिस्सा आज भी बिना परिवार और खाने के इंतजाम के रह रहा है. आज कई लोग एनजीओ की छत्र-छाया में अपना जीवन गुजार रहे हैं. इन लोगों के पास दूसरों की दया पर निर्भर रहने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. अडानी ग्रुप (Adani Group) के कर्मचारियों ने इसे ध्यान में रखते हुए Diyas of Hope के नाम से 15 दिवसीय डोनेशन कैंपेन चलाया है. इस कैंपेन में अडानी ग्रुप के कर्मचारियों ने खुद पैसा इकट्ठा करके एनजीओ में 500 बुजुर्गों और बेघर लोगों को भोजन कराने का नेक काम किया है. 


कर्मचारियों ने शुरू की नेक पहल 


अडानी ग्रुप के 166 कर्मचारियों द्वारा आयोजित, हरियाणा के गुरुग्राम के बंधवारी गांव में द अर्थ सेवियर्स फाउंडेशन (The Earth Saviours Foundation) में मौजूद 500 से अधिक बुजुर्गों और बेघर लोगों को खाना परोसा. इस काम के लिए कर्मचारियों ने आपस में मिलकर लगभग 50 हजार रुपये इकट्ठे किये. कर्मचारियों ने Diyas of Hope के तहत 15-दिवसीय अभियान चलाया है.


कर्मचारियों ने क्या कहा 


अडानी ग्रुप के प्रतिनिधि ने बताया कि ऐसे दयालुता के छोटे-छोटे कार्य निस्वार्थ भाव से करते रहने चाहिए. लोगों को खिलाने से बेहतर दया का कार्य और क्या हो सकता है? कर्मचारियों ने कहा कि अडानी डिजिटल लैब्स के कर्मचारियों की सिफारिश पर हमने इस एनजीओ को चुना. फाउंडेशन के लोगों के साथ चर्चा करने के बाद, हमें पता चला कि ये एक वास्तविक संगठन है. उन्होंने कहा कि ठंड के दिनों में गरमागरम खाने से बेहतर दान और क्या होगा? इसके बाद शाम को शानदार स्नैक्स और परोसा जाए.


कैसा रहा भोजन 


एनजीओ के कैंप में 18 से 100 वर्ष की आयु के वरिष्ठ नागरिक, बेघर मानसिक रूप से विकलांग लोग, वंचित महिलाएं, जले हुए पीड़ित, घरेलू हिंसा के शिकार, बलात्कार पीड़ित, शारीरिक रूप से घायल, एचआईवी, सिज़ोफ्रेनिया आदि रोगों से पीड़ित लोग शामिल थे. इन लोगों को दोपहर के भोजन में छोले, गोभी, चावल, सलाद और चपाती परोसे गए, इसके बाद शाम को चाय के साथ नाश्ते में खाने के लिए पकोड़े दिए गए.


सामाजिक कार्यों में विश्वास करती है कंपनी


द अर्थ सेवियर्स फाउंडेशन की और से वर्षा ने बताया कि इस तरह की पहल का हिस्सा बनकर उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है. उन्होंने कहा कि मुझे यह देखकर खुशी होती है कि कंपनियां वास्तव में आज भी समाज की परवाह करती हैं और सामाजिक कार्यों में विश्वास करती हैं. इस तरह की पहल करने के लिए समय निकालती हैं. 


कर्मचारियों ने खुद खिलाया खाना 


उन्होंने कहा कि अडानी ग्रुप के कर्मचारियों ने इन लोगों को स्वयं भोजन परोसा है. साथ ही सभी लोगों के साथ बातचीत की और यह सुनिश्चित किया कि सभी ने भरपेट भोजन किया. हमने वास्तव में इसका भरपूर आनंद लिया है. उन्होंने कहा कि, इन लोगों को केवल अच्छा, पौष्टिक भोजन तभी मिलता है जब कोई इसे प्रायोजित करे, अन्यथा हम नियमित रूप से उनके पास बहुत ही बुनियादी भोजन होता है. ऐसा व्यवहार पाकर ये लोग भी काफी खुश है. 


द अर्थ सेवियर्स फाउंडेशन 


द अर्थ सेवियर्स फाउंडेशन नाम का एनजीओ है. यह संस्था वृद्धाश्रम, बाल सुधार गृह, शारीरिक रूप से कमजोर लोग जिनका देखभाल के लिए जिनका कोई नहीं हैं, उनके लिए यह संस्था नि:शुल्क सेवा करती हैं. साथ ही यह संस्थान गोमाता की रक्षा और सेवा के लिए गोशाला का संचालन भी करती हैं.


 


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