Lumpy Virus: लंपी वायरस का कहर देश के लगभग हर स्टेट में देखने को मिला है. हालांकि केंद्र सरकार और स्टेट गवर्नमेंट के वैक्सीनेशन पर जोर देने के बाद यह वायरस उतना प्रभावी नहीं रहा है. अब राज्यों से पशुओं के इन्फेक्टेड होने या मौत होने की खबरें कम सामने आ रही हैं. उधर, लंपी के कारण जान गंवाने वाले पशुओं के पालकों की आर्थिक मदद स्टेट गवर्नमेंट कर रही हैं. महाराष्ट्र गवर्नमेंट ने भी अपने राजकोष से पशुओं पालकों की मदद की है. स्टेट गवर्नमेंट ने 97 प्रतिशत से अधिक टीकाकरण पूरा कर लिया है.


3204 गांव में 1.12 लाख पशु हुए स्वस्थ्य
स्टेट में लंपी वायरस का प्रसार तेजी से हुआ है. 31 अक्टूबर, 2022 तक राज्य के 33 जिलों के कुल 3204 गांवों में इस वायरस का असर देखा गया. प्रभावित गांवों में कुल 1 लाख 72 हजार 528 संक्रमित पशुओं में से 1 लाख 12 हजार 683 पशु इलाज से ठीक हो गए हैं. जो अभी भी बीमार हैं. उनका इलाज जारी है. सभी पशु तेजी से रिकवर कर रहे हैं. राज्य के विभिन्न जिलों में कुल 140.97 लाख टीके उपलब्ध कराए गए हैं. अभी तक कुल 136.48 लाख पशुओं का निशुल्क टीकाकरण किया जा चुका है. निजी संस्थानों, सहकारी दुग्ध संघों और व्यक्तिगत पशुपालकों के आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र में लगभग 97.54 प्रतिशत गोवंशों का टीकाकरण हो चुका है.


391 पशु पालकों को दिए 8.05 करोड़ रुपये  
महाराष्ट्र के 33 जिलों में पशु लंपी से संक्रमित हो चुके हैं. कापफी संख्या में पशुओं की मौत हो चुकी है. अब स्टेट गवर्नमेंट ने पशुपालकों की मदद की है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में लंपी वायरस से मरने वाले पशुओं के मुआवजे के लिए 391 पशुपालकों के खातों में 8.05 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं. स्टेट गवर्नमेंट ने कहा है कि वह पशु पालकों का दर्द समझती है.


गाय के जान गंवाने पर 30 हजार रुपये
लंपी वायरस से प्रति गाय के जान गंवाने पर 30 हजार रुपये, बैल की मौत पर 25 हजार रुपये, इसके अलावा प्रति बछड़ा के लिए 16 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी है. राज्य सरकार ने सभी पशुओं के टीकाकरण करने के निर्देश दिए हैं. पशु चाहे किसी भी उम्र का हो. सरकार ने पशुपालको से भी अपील की है कि टीकाकरण अभियान के लिए अधिकारियों ने तारीख तय कर दी हैं. सभी पशुपालक तय तिथि पर अपने पशुओं का टीकाकरण करा लें. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.



ये भी पढ़ें : Stubble Purchasing: हरियाणा में पराली से किसानों की हो रही बंपर कमाई, दो साल में अकेले जिले के किसानों को मिल गए इतने करोड़