Lumpy Vaccination :लंपी वायरस के मामले घटे जरूर हैं, लेकिन कहर अभी कम नहीं हुआ है. अलग-अलग राज्यों में काफी संख्या में लंपी वायरस के मामले सामने आ रहे हैं. सेंट्रल गवर्नमेंट की मदद से राज्य सरकारों ने भी वैक्सिनेशन अभियान तेज कर दिया है. देश के एक स्टेट में ही अभी तक 82 लाख पशुओं को वैक्सीन लगाई जा चुकी है. हालांकि यहां इन्फेक्टेड पशुओं का आंकड़ा भी हजारों में है. सीनियर अफसरों का कहना है कि अभियान तेज कर फिर सभी पशुओं को भी वैक्सीन लगा दी जाएगी.


महाराष्ट्र में 1.40 करोड़ पशु
स्टेट गवर्नमेंट लंपी वायरस के खिलाफ वैक्सीनेशन को लेकर गंभीर है. यहां सभी पशुओं को जल्द से जल्द वैक्सीनेशन करने के निर्देश दिए हैं। आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र में 1.4 करोड़ है. सेंट्रल गवर्नमेंट की ओर से 1.15 करोड़ टीके उपलब्ध कराए जा चुके हैं. स्टेट गवर्नमेंट ने सभी पशुओं को जल्द से जल्द टीका लगाने के लिए निर्देश दिया है. ऑफिशियल रिकॉर्ड के मुताबिक अभी तक राज्य में 82 लाख पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है. 52 हजार पशु अभी भी वायरस की चपेट में है. 2100 पशुओं की वायरस से संक्रमित होकर डेथ हो चुकी है. 


2000 गांवों में कम हुआ संक्रमण
वायरस के खिलाफ महाराष्ट्र में वैक्सीनेशन अभियान तो चल ही रहा है. स्टेट गवर्नमेंट सर्वे कर यह भी देख रही है कि कितने गांव में वायरस का असर कम हुआ है. राज्य सरकार के मुताबिक महाराष्ट्र के करीब 2000 गांव में वायरस का प्रकोप कम हुआ है. इन गांव में थोड़ा बहुत ही इंफेक्शन देखने को मिल रहा है. डॉक्टरों का कहना है कि इस तरह के इंफेक्शन से घबराने वाली बात नहीं है. अगर पशु को कोई दिक्कत हो रही है तो तुरंत ही पशु चिकित्सक को दिखाएं.


लंपी के अलावा किस बीमारी से हो रही मौत
स्टेट गवर्नमेंट ने वायरस के खिलाफ लड़ने के लिए टास्क फोर्स गठित कर दी. टास्क फोर्स को निर्देश दिए गए हैं कि रिसर्च कर यह पता किया जाए, लंपी के अलावा किस बीमारी से अधिक पशुओं की मौत हो रही है .यदि पशुओं की मौत के मामले में कोई दूसरी बीमारी सामने आती है तो उसके सुझाव भी बताएं कि कैसे इसे कम किया जा सकता है. उधर मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में भी वैक्सीनेशन अभियान तेज कर दिया है. राजस्थान में 40 लाख से अधिक वैक्सीन पहुंच चुकी है. यहां वैक्सीनेशन के लिए सेंटर बना दिए गए हैं. उन सैंटरो पर जाकर पशुपालक पशुओं को वैक्सीन लगवा सकते हैं. हालांकि गौर करने वाली बात यह सामने आई है कि भैंस से अधिक गोवंश इस वायरस की चपेट में है.


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