Gujarat Vidyapeeth: गुजरात विद्यापीठ के महासचिव निखिल भट्ट ने एक बयान जारी कर कहा है कि, विद्यापीठ के ट्रस्टियों ने राज्यपाल आचार्य देवव्रत को डीम्ड यूनिवर्सिटी के चांसलर के रूप में कार्यभार संभालने के लिए आमंत्रित करने का फैसला किया है. गुजरात विद्यापीठ की स्थापना महात्मा गांधी ने 18 अक्टूबर 1920 को की थी. इसे असहयोग आंदोलन के मद्देनजर राष्ट्रीय विद्यापीठ के रूप में शुरू किया गया था. मार्च 2015 में सिटिंग चांसलर इला भट्ट को नियुक्त किया गया था.


स्वास्थ्य के आधार पर सौंपा था अपना इस्तीफा
कुछ महीने पहले, उन्होंने स्वास्थ्य के आधार पर अपना इस्तीफा सौंप दिया और ट्रस्टियों से इसे स्वीकार करने और एक नया चांसलर नियुक्त करने का अनुरोध किया. निखिल भट्ट ने बयान में कहा कि, न्यासियों (ट्रस्टियों) ने उनका इस्तीफा स्वीकार करने का फैसला किया है और यह 19 अक्टूबर से प्रभावी होगा. न्यासियों का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल आचार्य देवव्रत से कुलाधिपति के रूप में कार्यभार संभालने का अनुरोध करने के लिए उनसे मिलने जाएगा.


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ट्रस्ट के आठ सदस्य इस फैसले के खिलाफ थे
सूत्रों के मुताबिक विद्यापीठ के 26 ट्रस्टी हैं, जिनमें से 24 ने मंगलवार की बैठक में हिस्सा लिया. सूत्रों ने कहा कि ट्रस्ट के आठ सदस्य राज्यपाल को चांसलर के रूप में कार्यभार संभालने के लिए आमंत्रित करने के फैसले के खिलाफ थे.


कौन हैं आचार्य देवव्रत?
आचार्य देवव्रत (जन्म 18 जनवरी 1959) एक भारतीय राजनीतिज्ञ और पूर्व शिक्षाविद हैं, जो गुजरात के 20वें राज्यपाल के रूप में कार्यरत हैं. वह एक आर्य समाज प्रचारक हैं और पहले कुरुक्षेत्र, हरियाणा में एक गुरुकुल के प्राचार्य के रूप में कार्यरत थे. गुजरात के राज्यपाल होने के नाते, वह गुजरात के राज्य विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी हैं. अगस्त 2015 में, देवव्रत को हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया था. वह 21 जुलाई 2019 तक बने रहे. जून 2019 में, उन्हें ओम प्रकाश कोहली की जगह गुजरात के राज्यपाल के रूप में नामित किया गया था. देवव्रत की शादी दर्शना देवी से हुई है.


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