गुजरात के सोमनाथ मंदिर को ध्वस्त करने के लिए अलग-अलग मुस्लिम शासकों ने कई बार योजनाएं बनाईं



साल 1026 में भीम प्रथम के शासन के दौर में तुर्क मुस्लिम शासक मोहम्मद गजनवी ने सोमनाथ मंदिर पर हमला किया और लूटपाट की



गजनवी राजवंश की स्थापना सबुक तिगिन ने की थी. 975 से 1186 ईस्वी तक गजनवी साम्राज्य के शासकों ने राज किया



गिर सोमनाथ जिले की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, जब महमूद गजनवी ने सोमनाथ मंदिर पर आक्रमण किया तो काफी कुछ लूट कर ले गया



सोमनाथ जिले की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक गजनवी ने शिवलिंग को तोड़ा और 20 मिलियन दीनार (561 करोड़) लूटकर ले गया



1169 का एक शिलालेख कहता है, कुमारपाल (शासनकाल 1143-72) के दौरान सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण कराया गया



कुमारपाल के शासनकाल में मंदिरों में बेशकीमती रत्नों को जड़ा गया. यह मंदिर अपने धार्मिक महत्व के साथ समृद्धि के लिए भी जाना गया.



लूट और तोड़फोड़ के बाद दोबारा तैयार होने वाले सोमनाथ मंदिर पर हमेशा मुस्लिम शासकों की नजरें रहीं. गजनवी के बाद इस मंदिर को खिलजी ने निशाना बनाया



साल 1299 में गुजरात पर आक्रमण के दौरान उलुग खान के नेतृत्व ने अलाउद्दीन खिलजी की सेना में वाघेला राजा कर्ण को शिकस्त दी और सोमनाथ मंदिर में लूटपाट की