एक समय अफगानिस्तान 'अखंड भारत' का हिस्सा था जहां हिंदू राजा शासन करते थे



सिंध के राजा दाहिर का अफगानिस्तान के एक बड़े भाग पर शासन था



दाहिर की हत्या कर मोहम्मद बिन कासिम ने इस क्षेत्र पर खुद का साम्राज्य स्थापित किया



कल्लार नाम के राजा ने 843 में हिंदूशाही राजवंश की स्थापना की थी



कल्लार से पहले भी वहां के कई क्षेत्रों पर हिंदू राजाओं ने शासन किया था



हिंदू राजाओं में सामंतवाद,अष्टपाल,भीम,जयपाल,भीमपाल जैसे शासकों ने भी शासन किया था



इन हिंदू राजाओं के सम्मान में इन्हें 'काबुलशाह' भी कहा जाता था



इन प्रमुख राजाओं ने तकरीबन 350 साल तक अरबों को हराया, जिससे वो भारत में प्रवेश नहीं कर सके



लेकिन महमूद गजनी से 1019 में त्रिलोचनपाल की हार ने एक नए युग की शुरुआत हुई



पूर्व काल में काबुल को संस्कृत में कुभा, कंधार को गंधार और पेशावर को पुरुषपुर के नाम से जाना जाता था



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