हर धर्म में मंदिर, दरगाह, गुरुद्वारों में लोगों को सिर ढकने की सलाह दी जाती है.



ऐसा इसीलिए जरुरी माना जाता है क्योंकि आप जिन्हें श्रेष्ठ और आदरणीय मानते हैं,



उनके सम्मान में सिर ढक कर ही जाया जाता है.



हर धर्म में परमात्मा का दर्जा सबसे ऊपर है.



ठीक ऐसा ही सिख धर्म में भी है.



इसलिए गुरु ग्रंथ को सम्मान देने के लिए गुरूद्वारे में सिर ढककर जाया जाता है.



ऐसे में अगर आप सिख धर्म से ताललुक नहीं भी रखते



तो भी आपको गुरूद्वारे जाने से पहले किसी न किसी कपड़े से अपना सिर ढकना होगा.



इसीलिए गुरुद्वारों में सर पर रुमाल या कपड़ा रखना बेहद जरुरी है.