आलमगीर आलम का जन्म साहिबगंज के इस्लामपुर में साल 1950 मे हुआ था

उनके पिता का नाम सनाउल हक और माता का अमीना खातून हैं

आलमगीर आलम ने साल 1972 में साहिबगंज कॉलेज से बीएससी स्नातक की डिग्री हासिल की

आलमगीर आलम की शादी सन् 1981 में हुई

उनका निकाह इस्लामपुर के ताजु बाबु उर्फ ताजामुल हक की बेटी निशात आलम के साथ हुआ

आलमगीर आलम को एक बेटा तनवीर आलम और एक पुत्री नाजिया आलम है

उन्होंने सरपंच से झारखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री तक सफर किया है

आलमगीर आलम 1978 में अपने गृह पंचायत महराजपुर से पहली बार सरपंच बने थे

1995 में आलमगीर आलम पाकुड़ विधानसभा से पहली बार कांग्रेस से चुनाव लड़े और बीजेपी के बेनी गुप्ता से हार गए

2000 के विधान सभा के चुनाव में पहली बार बिहार में विधायक बने

इसके साथ ही वह हस्तकरघा विभाग के राज्य मंत्री बने

15 नवंबर 2000 को बिहार से अलग होकर झारखंड अलग राज्य बना

2005 में भी आलमगीर आलम विधायक बने. फिर 2014 में जीत का इनाम मिला और वे कांग्रेस विधायक दल के नेता चुने गए

2019 में विधानसभा चुनाव में पाकुड़ से एक बार फिर चुनाव जीतकर आलम ने अपना पद और बढ़ा लिया

तनवीर आलम वर्तमान में कांग्रेस में सक्रिय हैं और कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष पद पर हैं.

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