ललितपुर उत्तर प्रदेश के प्रमुख जिलों में से एक है



यह जिला पहले झांसी का हिस्सा हुआ करता था



साल 1974 में ललितपुर को एक अलग जिले के रूप में गठित किया गया



यह क्षेत्र अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है



ललितपुर की प्राकृतिक सुंदरता भी लोगों को आकर्षित करती है



यह जरी और सिल्क साड़ियों के लिए भी मशहूर है



लेकिन इसके नाम की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है



ऐसा कहा जाता है कि इसकी स्थापना महाराजा सुम्मेर सिंह ने की थी



महाराजा की धर्मपत्नी का नाम ललिता देवी था



उन्हीं के नाम पर इस जगह का नाम ललितपुर रखा गया.