काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए बाबा भैरव का दर्शन जरूरी है नहीं तो दर्शन अधूरा माना जाता है

काशी विश्वनाथ भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं जिन्हें हर भक्त को देखना चाहिए

काल भैरव को काशी का कोतवाल माना जाता है जो महादेव के भयंकर रूप के प्रतीक हैं

काल भैरव ने ब्रह्मा जी का सिर काटने के बाद ब्रह्म हत्या का पाप लिया था

इस पाप से मुक्ति पाने के लिए काल भैरव ने काशी में गंगा स्नान किया

भगवान विष्णु ने काल भैरव को माफ किया और उन्हें काशी का कोतवाल बना दिया

इसके बाद से काशी में बाबा काल भैरव का दर्शन कर ही बाबा विश्वनाथ का दर्शन फलदायक माना जाता है

काल भैरव की पूजा से भक्तों की पापों से मुक्ति होती है और दर्शन सफल होते हैं

माना जाता है कि बाबा काल भैरव ही भक्तों को बाबा विश्वनाथ के दर्शन की अनुमति देते हैं

बिना बाबा भैरव के दर्शन किए काशी विश्वनाथ का दर्शन अधूरा और पाप के रूप में माना जाता है.