जब कुंडली में एक ही भाव में गुरु और राहु ग्रह स्थित हो, इसे गुरु चांडाल योग कहते हैं.



इस योग को अशुभ माना जाता है.



जिसकी कुंडली में ये योग हो, उसे व्यक्तिगत जीवन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.



इसके प्रभाव से गुरु और माता पिता से मतभेद होता है.



व्यक्ति को हर कोई धोखा देता है.



इसके प्रभाव को खत्म करने के लिए “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” मंत्र का जाप करना चाहिए.



अच्छे लोगों की संगति में रहने से योग का प्रभाव खत्म हो जाता है.



इसके साथ ही राहु के शांति मंत्र का जाप करने से भी सहायता मिलती है.



गुरुवार का व्रत रखने से गुरु चांडाल योग से छुटकारा मिलता है.