हिंदू धर्म और अन्य धर्मों में भंडारे और लंगर का आयोजन किया जाते हैं.



कई लोग मानते हैं की भंडारे का खाना प्रसाद होता है,



वहीं कुछ लोगों का कहना है कि भंडारे का खाना नहीं खाना चाहिए.



आइए जानते है कि भंडारे का खाना खाना चाहिए या नहीं खाना चाहिए.



धर्म ग्रंथों के मुताबिक, निर्धन और गरीब लोगों को



भोजन कराना बहुत ही पुण्य का काम माना जाता है.



भंडारे का भोजन उन जरूरतमंदों के लिए है जो भोजन नहीं खरीद पाते.



जरूरतमंदों को भोजन करा कर सक्षम व्यक्ति पुण्य फल प्राप्त कर सकता है.



इसलिए कई सक्षम लोग मंदिरों में जाकर भंडारे का आयोजन कराते हैं.



यदि भंडारे में सक्षम और अमीर लोग भोजन करते हैं,



तो किसी जरूरतमंद निर्धन व्यक्ति को भूखा रहना पड़ सकता है.



इसलिए भंडारे का भोजन जरूरतमंद व्यक्ति को ही करना चाहिए.



सक्षम व्यक्ति भंडारे में सहायता प्रदान कर सकते हैं.