पुलिस कैसे ट्रैक करती है स्मार्टफोन! क्या आपको पता है ये तरीका?

Published by: एबीपी टेक डेस्क
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हर स्मार्टफोन का एक यूनिक आईडी नंबर होता है जिसे IMEI (International Mobile Equipment Identity) कहते हैं. पुलिस चोरी हुए या गुम हुए फोन को ट्रैक करने के लिए इस नंबर का उपयोग करती है.

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स्मार्टफोन में इस्तेमाल हो रही सिम कार्ड की लोकेशन टावर सिग्नल्स के माध्यम से ट्रैक की जाती है.

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फोन का इनबिल्ट ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) एक्टिव रहने पर पुलिस फोन की सटीक लोकेशन का पता लगा सकती है.

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फोन किस मोबाइल टॉवर से जुड़ा है, यह जानकारी पुलिस को फोन की लोकेशन और मूवमेंट ट्रैक करने में मदद करती है.

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यदि फोन में गूगल अकाउंट लॉगिन है और लोकेशन सर्विस चालू है तो पुलिस गूगल लोकेशन हिस्ट्री से फोन की मूवमेंट की जानकारी ले सकती है.

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पुलिस सोशल मीडिया अकाउंट्स और इंस्टॉल्ड एप्स से लोकेशन और एक्टिविटी डिटेल्स निकाल सकती है, खासकर यदि फोन का इंटरनेट चालू है.

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सार्वजनिक जगहों पर लगे सीसीटीवी कैमरों के जरिए पुलिस फोन उपयोगकर्ता की लोकेशन का अंदाजा लगा सकती है.

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पुलिस कॉल और मैसेज की डिटेल्स (CDR) निकालकर यह देखती है कि फोन कहां से कॉल और मैसेज कर रहा है.

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यदि फोन यूजर ने डिवाइस का डेटा किसी क्लाउड सर्विस (जैसे iCloud, Google Drive) पर सेव किया है, तो पुलिस इसे एक्सेस कर लोकेशन का पता लगा सकती है.

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यदि फोन में एंटी-थेफ्ट एप्स (जैसे Find My Device या Find My iPhone) इंस्टॉल हैं तो पुलिस उनकी मदद से फोन ट्रैक कर सकती है.

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