अंतरिक्ष में जाने के बाद Astronaut से कैसे होती है बात?

Published by: एबीपी टेक डेस्क
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अंतरिक्ष यात्री (Astronauts) से बात करने के लिए रेडियो तरंगों (Radio Waves) का उपयोग किया जाता है जो वायुमंडल और अंतरिक्ष में आसानी से यात्रा कर सकती हैं.

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नासा के पास एक विशेष संचार सिस्टम Deep Space Network (DSN) है जो दुनिया भर में बड़े एंटीना स्टेशनों के माध्यम से अंतरिक्ष यात्रियों से संपर्क करता है.

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Astronauts से बातचीत के लिए जियोस्टेशनरी और लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) सैटेलाइट का उपयोग किया जाता है जो सिग्नल को पृथ्वी तक पहुंचाते हैं.

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पृथ्वी से अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक संदेश पहुंचने में कुछ सेकंड लगते हैं लेकिन चंद्रमा या मंगल पर जाने वाले मिशन में यह विलंब कई मिनटों तक हो सकता है.

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इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर मौजूद Astronauts वीडियो कॉल भी कर सकते हैं, लेकिन यह हाई-स्पीड सैटेलाइट लिंक पर निर्भर करता है.

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NASA का मिशन कंट्रोल सेंटर (Mission Control Center) अंतरिक्ष यात्रियों से सीधा संपर्क रखता है और जरूरी निर्देश देता है.

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ISS पर सीमित इंटरनेट उपलब्ध होता है, जिससे Astronauts ईमेल भेज सकते हैं और सोशल मीडिया पर पोस्ट कर सकते हैं.

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अंतरिक्ष यात्री इंटरनल कम्युनिकेशन और स्पेसवॉक के दौरान हैंडहेल्ड रेडियो (VHF/UHF) का उपयोग करते हैं.

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अगर मुख्य संचार प्रणाली फेल हो जाए, तो बैकअप रेडियो फ्रीक्वेंसी और सैटेलाइट सिस्टम का उपयोग किया जाता है.

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