क्रिकेट मैच में दौरान डीआरएस का इस्तेमाल कई सालों से होते आ रहा है.

इस दौरान जब भी कोई टीम फील्ड अंपायर के फैसले से नाखुश होती है तो डीआरएस का इस्तेमाल करती है.

इसके बाद थर्ड अंपायर अलग-अलग टेक्नोलॉजी का उपयोग करके सही फैसला देता है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक डीआरएस के पूरे टूलकिट का पैकेज आता है.

जिसमें बॉल ट्रैकिंग, अल्ट्राएज और हॉटस्पाट जैसी टेक्नोलॉजी शामिल होती है.

रिपोर्ट्स की माने तो इन सभी टेक्नोलॉजी की कुल एक दिन की कीमत 60 हजार डॉलर से 1 लाख डॉलर तक होती है.

जो कि भारतीय रूपयों में करीब 51 लाख से लेकर 85 लाख रूपये है.

अगर सिर्फ बॉल ट्रैकिंग की बात करें तो उसका एक दिन का खर्चा भारतीय रुपयों में 40 से 50 लाख रूपये के करीब है.

बात करें अल्ट्राएज की तो उसका इस्तेमाल करने के लिए एक दिन में करीब 20 लाख रुपये खर्च करने होते हैं.

वहीं हॉटस्पॉट टेक्नोलॉजी की बात करें तो उसका एक दिन का खर्चा करीब 8 लाख रुपये होता है.