वर्किंग वुमन घर और अपने काम को बखूबी मेंटेन करती हैं, लेकिन खुद को भूल जाती हैं

वर्किंग वुमन घर और अपने काम को बखूबी मेंटेन करती हैं, लेकिन खुद को भूल जाती हैं

कभी खाना-पीना सही नहीं होता तो कभी नींद की कमी हेल्थ खराब करती है

तनाव, फिजिकल एक्टीविटी में कमी, रिलेशनशिप प्रॉबलम भी महिलाओं में मानसिक रोगों को बढ़ाते हैं

हार्ट डिजीज, डायबिटीज, कैंसर के अलावा इर्रेगुलर पीरियड भी फिजिकल-मेंटल हेल्थ प्रभावित कर रहे हैं

इन बीमारियों का बड़ा कारण है अनहेल्दी और इर्रेगुलर मील पैटर्न और पर्याप्त पोषण ना लेना

कई बार नींद की कमी, शारीरिक गतिविधि की कमी और तनाव से वजन बढ़ने लगता है

इससे हार्मोन कोर्टिसोल लेवल बढ़ जाता है. इससे भूख ज्यादा लगती है और वजन बढ़ जाता है

मेडिकल बॉडीज का दावा है कि 35 की उम्र में महिलाओं में थायरॉइड,हार्ट डिजीज, डायबिटीज की संभावना बढ़ जाती है

मेनोपॉज, पीसीओडी, पीसीओएस जैसी बीमारियां शरीर के साथ-साथ दिमाग पर असर डाल रही हैं

अल्कोहॉल और धूम्रपान करने पर पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की सेहत तेजी से बिगड़ती है

अल्कोहॉल और धूम्रपान करने पर पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की सेहत तेजी से बिगड़ती है