आज के समय में कान छिदवाना लोगों के बीच एक फैशन सा बन गया है. खासकर लड़कों के बीच यह फैशन बहुत ही प्रसिद्ध है.

Published by: गौरव अग्निहोत्री
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भारतीय संस्कृति में कान छिदवाने का रिवाज पौराणिक काल से ही रहा है. इसका सिधा संबंध ज्योतिष से भी माना गया है.

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कान में पियर्सिंग कराने से मेंल्ट हेल्थ अच्छी रहती है और कान के लोब में पियर्सिंग कराने से शरीर की ऊर्जा सक्रिय रहती है.

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इसके अलावा यह करने से जीवन में आर्थिक स्थिरता भी आती है.

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वहीं, कई जानकारों के अनुसार इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी छीपा है.

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वैज्ञानिकों के अनुसार, कान की पियर्सिंग से शरीर की आंतरिक ऊर्जा अच्छी रहती है.

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वहीं, यह आपके तीसरे नेत्र को भी सक्रिय करता है, जिससे ध्यान लगाने में मदद मिलती है.

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वैदिक ज्योतिष के मुताबिक, कान छिदवाने के लिए कार्य पुष्य, रोहिणी और हस्त नक्षत्र के दिन को शुभ माना गया है.

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कान की पियर्सिंग करने के लिए ग्रहण काल या राहु काल को अशुभ माना गया है.

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