शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ज्यादातर अपने बयानबाजी को लेकर सुर्खियों में रहते हैं.



उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का जन्म हुआ था.



उन्होंने बनारस के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से शास्त्री और आचार्य की शिक्षा प्राप्त की.



स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने छात्र राजनीति में भी बढ़चढ़कर भाग लिया, और 1994 छात्रसंघ का चुनाव भी जीता.



उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ वाराणसी लोकसभा सीट से साल 2019 में उम्मीदवार खड़ा करने की कोशिश भी की थी.



अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के गुरु का नाम जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती है, जो एक स्वतंत्रता सेनानी भी थे.



गुरु की मृत्यु के बाद स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को ज्योतिष पीठ का शंकराचार्य घोषित किया गया.



स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती बचपन से ही सामाजिक कार्य के प्रति अग्रसर थे.



स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का असली नाम उमाशंकर है.